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Search Result : "बच्चे को गोद कैसे लें"

सृजन घोटाले पर बोली राबड़ी,

सृजन घोटाले पर बोली राबड़ी, "नीतीश-सुशील के इस्तीफे के बिना निष्पक्ष जांच कैसे?"

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ‘सृजन घोटाले’ को लेकर सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर निशाना साधा है।
सड़कों पर नमाज नहीं रोक सकता, तो थानों में जन्माष्टमी कैसे रोकूं: योगी आदित्यनाथ

सड़कों पर नमाज नहीं रोक सकता, तो थानों में जन्माष्टमी कैसे रोकूं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमाज, कांवड़-यात्रा, लाउडस्पीकर, जन्माष्टमी को लेकर बड़ा बयान दिया है।

"अगस्त में बच्चे मरते ही हैं" समेत योगी सरकार ने दी ये दलीलेें, गिनाए आंकड़े

अपने शहर गोरखपुर के नामी सरकारी अस्पताल में 6 दिनों के भीतर 63 बच्चों की मौत के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी तोड़ी, लेकिन सिर्फ ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा को सभी मौतों की वजह मानने से इनकार किया है।
ओलंपिक की आस लगाने से पहले सोचिए, कैसे जीते-मरते हैं हमारे खिलाड़ी

ओलंपिक की आस लगाने से पहले सोचिए, कैसे जीते-मरते हैं हमारे खिलाड़ी

खेल और खिलाड़ियों की दशा पर अक्सर लोग बात करते दिखाई देते हैं। खेल की हालत में सुधार और प्रोत्साहन देने जैसी शासकीय घोषणाएं भी समय-समय पर की जाती हैं। खेलों में न्यूनतम सुविधाएं मिलने अथवा नहीं मिलने की परिचर्चा भी आम है, लेकिन बात खिलाड़ियों की जान पर आ जाए तो आप इसे क्या कहेंगे?
भाजपा को कैसे मिली महागठबंधन तोड़ने में कामयाबी, नीतीश ने क्यों भरे कमल में रंग?

भाजपा को कैसे मिली महागठबंधन तोड़ने में कामयाबी, नीतीश ने क्यों भरे कमल में रंग?

नीतीश कुमार महागठबंधन की गाठें छुड़ाकर अपने पुराने साथी रहे एनडीए से गठजोड़ कर चुके हैं। सियासी गलियारों में इस घटना ने हलचल तेज कर दी है। अब सवाल उठ रहे हैं कि एनडीए के विरोध में महागठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार एकाएक पाला बदलकर कैसे ‘कमल’ में रंग भरने को तैयार हो गए?
अमरनाथ हमले पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- खुफिया जानकारी के बाद भी कैसे हुई चूक?

अमरनाथ हमले पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- खुफिया जानकारी के बाद भी कैसे हुई चूक?

अमरनाथ यात्रा से लौट रहे लोगों पर हुए आतंकी हमले से अब सियासत भी गर्म हो गई है। इसे लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर हमला बोल दिया है।
कोर्ट ने  26 हफ्ते की गर्भवती को दी अबॉर्शन की मंजूरी, बच्चे को थी गंभीर बीमारी

कोर्ट ने 26 हफ्ते की गर्भवती को दी अबॉर्शन की मंजूरी, बच्चे को थी गंभीर बीमारी

मेडीकल रिपोर्ट्स से बच्चे को हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारी का पता चला तो महिला ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि अगर बच्चे के अर्बाशन की मंजूरी नहीं दी गई तो यह उसके लिए गंभीर मानसिक चोट की तरह होगी। इस पर कोर्ट ने महिला को अर्बाशन की मंजूरी दे दी। आमतौर पर 20 हफ्ते से ज्यादा के बाद अर्बाशन कराना गैर कानूनी है और इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
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