इलाहाबाद उच्च न्यायालाय ने एक महत्वपूर्ण आदेश के तहत सूबे के सभी मदरसों में कल राष्ट्रगान गाए जाने और 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा झंडा फहराने का आदेश क्या पारित किया कि सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय का गुस्सा फूट पड़ा। मुखर अल्फाजों में कहा गया कि आखिर किसी को मदरसों पर तिरंगे क्यों नहीं दिखाई देते हैं जबकि पहले से ही राष्ट्रीय दिवसों पर मदरसों में झंडा फहराया जाता है। अब इंतजार है कि जल्द ही नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालय पर तिंरगा फहराने के आदेश पारित हों।
उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के मिर्चपुर गांव में हिंसा के कारण विस्थापित हुए दलित समुदाय के सदस्यों के पुनर्वास के लिए दायर जनहित याचिका आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पास भेज दी।
देश में फांसी की सजा के खिलाफ अभियान चलाने वाले बॉम्बे उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं युग मोहित चौधरी। फांसी के फंदे पर झूलने वाले अभियुक्त के लिए एक अंतिम आस के तौर पर युग चौधरी का नाम आता है।
दहेज उत्पीड़न से जुड़े एक मामले में बंबई हाईकोर्ट ने विवादस्पद सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां को अंतरिम जमानत दे दी है। उनकी गिरफ्तारी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो हफ्ते की रोक लगाई है। लेकिन उनके खिलाफ नए-नए आराेप सामने आने से उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं।
अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
देश में पर्यावरण गंभीर खतरे में है। जन-जंगल-जमीन इस तरह प्रदूषित हो गया है कि साफ हवा और साफ पानी के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में पहले से लचर पर्यावरण कानूनों को मजबूत बनाने के बजाय केंद्र सरकार पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के नाम पर पर्यावरण और लोगों के अधिकारों को रहन रखने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए पर्यावरण शब्द का मतलब निवेश का पर्यावरण बन गया है।
बंबई हाईकोर्ट से मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध लगाने के खाद्य नियामकों के आदेश को निरस्त कर दिया है। मैगी के नमूनों की अब तीन प्रयोगशालाओं में नए सिरे से जांच कराई जाएगी। जांच में मैगी सही पाए जाने पर ही कंपनी को इसके उत्पादन और बिक्री की अनुमति मिलेगी।
उच्चतम न्यायालय ने सरकार की सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपने के केंद्र के आग्रह पर आज सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस बारे में निर्णय करेगी कि केंद्र द्वारा उठाए गए सवालों को वृहद पीठ को भेजा जा सकता है या नहीं।
बलात्कार पीड़ित नाबालिग मां के बच्चे के जन्म लेने के बाद परिवार, समाज या कानून से उसे ऐसी व्यवस्था नहीं मिल पाती, जिसमें बच्चा आवश्यक जरूरी सुविधाओं के साथ पल-बढ़ सके। बल्कि वह सबके लिए एक बोझ सरीखा बन जाता है। अहमदाबाद की बच्ची को कानून से थोड़ा छूट देते हुए 25 सप्ताह के गर्भपात की इजाजत जरूर मिलनी चाहिए थी, और मिली भी। यहीं पर इस तरह के तमाम सवाल कानून के दायरे में रहकर जवाब मांगते हैं।