‘गब्बर इज बैक’ का दर्शकों के साथ अक्षय को भी बेसब्री से इंतजार है। अक्षय की प्रतिष्ठा इस फिल्म के साथ जुड़ी हुई है। फिल्म के प्रदर्शन से पहले इससे जुड़ी खबरें तरह-तरह से सामने आती हैं
अल्ट्राटेक सीमेंट का विज्ञापन दिखाना चाहता है कि उनकी सीमेंट से कैसी खूबसूरत इमारतें बनती हैं। इस खूबसूरती को दिखाने के लिए लगता है इस उत्पाद के विज्ञापन बनाने वालों को लगा होगा कि केवल खूबसूरत लोग ही खूबसूरत चीजें बना सकते हैं। खूबसूरती का अतिरेक दिखाता यह विज्ञापन मजदूरों का एक तरह से अपमान है
अपनी पहली पाक यात्रा को लेकर उत्साहित मधुर भंडारकर को मायूसी का सामना करना पड़ा। सुरक्षा कारणों के चलते यह फिल्म उत्सव रद्द करना पड़ा। मधुर बेसब्री से इस यात्रा का इंतजार कर रहे थे।
ईरान रेडियो ने दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट ऑफ ईरान एंड द लेवैंट के मुखिया (आईएसआईएस) अबू बकर अल बगदादी की मौत हो गई है। ऑल इंडिया रेडियो ( एआईआर ) ने भी बगदादी की मौत के बारे में ट्वीट किया है। हालांकि यह ट्वीट भी ईरान रेडियो द्वारा दी गई खबर के आधार पर है।
'डिजिटल इंडिया' विज़न से तालमेल बैठाते हुए क्रिस ने एंड्रॉयड एवं विंडोज़ दोनों ही प्लेटफॉर्म के लिए मोबाइल एप्लिकेशन 'अटसनमोबाइल' में कागज रहित अनारक्षित टिकट की सुविधा विकसित की है। इससे स्टेशनों पर स्थित एटीवीएम पर अनारक्षित टिकटों का प्रिंट निकालने की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी। यूजर्स इसके लिए गूगल प्ले स्टोर या विंडो स्टोर से ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं।
वर्ष 2002 में हुए उस हिट एंड रन मामले की सुनवाई कर रही एक सत्र अदालत छह मई को अपना फैसला सुनाएगी जिसमें बॉलीवुड के अभिनेता सलमान खान कथित तौर पर लिप्त हैं।
देश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर ग्रीनपीस इंडिया पर हो रहे सरकारी दमन की निंदा की। सरकार के दमन की कार्रवाई के खिलाफ 180 संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में सामाजिक न्याय और गरीब-मजलूमों के अधिकार के लिये आंदोलन का इतिहास रखने वाले संगठनों पर हो रही दमन की कार्रवाई को शर्मनाक और निराशाजनक कहा है।
पुराने दौर की मराठी फिल्म ‘सामना’ के चालीस साल पूरे हो गए है। इस मौके पर फिल्म से जुड़े लोगों ने अपनी यादें ताजा की। इस फिल्म को बर्लिन फिल्म फेस्टीवल में खूब सराहना मिली थी
किसी साधारण बात को खास बनाने की जो भी संभव कोशिश हो सकती है, विक्रम भट्ट ने की है। थ्रीडी चश्मा, गायब होने वाला नायक, अंग्रेजी फिल्मों की तरह मारधाड़, विज्ञान के (कृपया बेतुका पढ़ें) चमत्कार आदि-आदि। फिर भी बेचारे दर्शक को समझ नहीं आता कि छोटे और ग्लैमरस कपड़ों में सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) दरअसल कैसी वाली पुलिस बनी हैं। रघु राठौर (इमरान हाशमी) पता नहीं कैसे सुपरकॉप बनें हैं जो न पहले अपने पुलिसिए बॉस का खुरपेंची दिमाग समझ पाए न बाद में अपनी पुलिसिया गर्लफ्रैंड का। मतलब दो-दो बार धोखा।