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Search Result : "प्लाज्मा थेरेपी क्या है"

तो सिर्फ 39 दिनों में पहुंचेंगे मंगल पर

तो सिर्फ 39 दिनों में पहुंचेंगे मंगल पर

एक अमेरिकी कंपनी ऐसा युगांतरकारी इंजन बना रही है जिससे मानव केवल 39 दिनों में मंगल पर पहुंच सकता है। नासा ने इसके लिए कंपनी को एक करोड़ डॉलर का अनुदान दिया है।
रुबी के रौब के पीछे क्या है राज

रुबी के रौब के पीछे क्या है राज

मसूरी स्थित आईएएस प्रशिक्षण अकादमी में फर्जी महिला आईएएस के मामले में एक रहस्य गहराता जा रहा है कि आखिर रूबी चौधरी की इतनी हेकड़ी के पीछे कौन है।
क्या आडवाणी का होगा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संबोधन

क्या आडवाणी का होगा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संबोधन

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से शुरू होने वाली है। इस बीच यह सवाल उठा है कि क्या अब तक के चलन के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करेंगे कि नहीं। पहले सिर्फ एक बार एेसा हुआ है जब आडवाणी ने कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित नहीं किया।
अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

आम आदमी पार्टी यानी आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार और प्रो. अजीत झा क्या करेंगे? क्या वे चुपचाप पार्टी से बाहर हो जाएंगे या अपने समर्थकों को लेकर नई पार्टी बनाएंगे? आम आदमी पार्टी को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर देखने वालों के सर पर आजकल ये सवाल बेताल की तरह नाच रहे हैं।
क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

आम आदमी पार्टी में यानी आप में जिस तरह जूतम पैजार चल रही है इससे इतना साफ हो जाता है कि पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाला जा चुका है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके गुट की निरंकुशता के किस्से मीडिया में आम हैं।
प्रशांत-योगेंद्र ने क्या लिखा खत में

प्रशांत-योगेंद्र ने क्या लिखा खत में

आप नेता योगेन्द्र यादव ने आज एक नोट सार्वजनिक किया जिसे उन्होंने प्रशांत भूषण के साथ मिलकर लिखा है और उन्होंने 17 मार्च को पार्टी को भेजा था जिसमें प्रस्ताव दिया था कि उनकी मांगें स्वीकार किए जाने पर वे पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
क्या आपको इस बैंक पर यकीन होगा?

क्या आपको इस बैंक पर यकीन होगा?

िववादों से घिरे एचएसबीसी बैंक की प्रमुख नैना लाल किदवई ने हाल ही में एक दिन अपने बैंकर मित्र से अपनी स्थिति का बचाव कुछ यूं कियाः ‘मैं अपने दिल पर हाथ रखकर कह सकती हूं कि एचएसबीसी इंडिया बेदाग है।’ सेवानिवृत्त उस बैंकर ने बताया कि किदवई ने सौगंध खाई कि भारतीय शाखा किसी ऐसे गलत आचरण अछूती रही है जिसमें एचएसबीसी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो रही है।
क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

बेंगलूरू में आइएएस अफसर डीके रवि की मौत ने कई सवाल पैदा किये हैं। रवि की छवि एक ईमानदारी अधिकारी की थी। उनकी सख्ती की वजह से रेता और खनन माफिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थीं। माना जा रहा है कि उनकी हत्या के पीछे भी माफिया का हाथ है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मंजूनाथ और नरेंद्र कुमार सिंह समेत देश के कई राज्यों में ईमानदार अफसर अपनी जान गंवा चुके हैं। कुछ को अपनी ईमानदारी की वजह से दूसरी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। जिस तरह से भारत में भ्रष्टाचार संस्थागत रूप लेता जा रहा है इसने ईमानदार और उसूल वाले लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
आप का एजेंडा क्या है

आप का एजेंडा क्या है

क्या आम आदमी पार्टी (आप) सचमुच लोकतांत्रिक मूल्यों या सामाजिक सरोकारों के लिए लड़ना चाहती है या जैसे-तैसे चुनाव जीतना ही इसका पहला मक़सद है? पार्टी के भीतर चल रही उथल-पुथल से यह अहम सवाल पैदा होता है।