अगर किसी को लग रहा हो कि स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित फिल्म टॉयलेट : एक प्रेम कथा से सिर्फ भारत के लोगों का ही जुड़ाव होगा तो जानकारी के लिए बता दें कि और फिल्मों की तरह ये भी वर्ल्ड वाइड रीलिज होगी। 11 अगस्त यानी कल फिल्म के नायक अक्षय कुमार अपनी नायिका भूमि पेडनेकर के लिए टॉयलेट बनवा कर ही दम लेंगे।
यह कैसा तुगलकी फरमान है। लोग कुत्तों के काटने से मर सकते हैं लेकिन कुत्तों को नहीं मार सकते। किसानों की फसलें नष्ट हो सकती हैं लेकिन पशुओं को नहीं बांध सकते। अन्यथा मुकदमा दर्ज हो जाएगा।
चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम की पाकिस्तान के हाथों करारी हार के बाद लोगों के व्यवहार में एकाएक बदलाव देखा गया है। जिनके अंदर अब तक क्रिकेट का भूत सवार था वे अब हॉकी के प्रति प्यार लूटाते नजर आ रहे हैं। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक भारतीय हॉकी टीम को जीत की बधाई दी जा रही है।
पशुओं की खरीदी-बिक्री को लेकर मोदी सरकार के आदेश को मेघालय की कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। इस मामले के विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है। वहीं, मेघालय के सीएम मुकुल संगमा ने मोदी सरकार की इस अधिसूचना को वापस लिए जाने की मांग की है। राज्य में यह मामला काफी गर्मा गया था।
पिछले दिनों केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसके तहत गाय, बैल, सांड, बधिया बैल, बछड़े, बछिया, भैंस और ऊंट की मांस के लिए खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगाई गई है। इस पर कई राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है।
काम के प्रति समर्पण और सादा जीवन अनिल माधव दवे की खासियत रही है। पर्यावरण संरक्षण में उन्होंने अपना सबकुछ अर्पित कर दिया था। इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में जगह देकर उन्हेंने पर्यावरण को और बेहतर करने का जिम्मा दिया था। दवे ने मां नर्मदा की काफी सेवा की। नर्मदा के संरक्षण में उनकी उल्लेेखनीय भूमिका, उनके सामाजिक सरोकार की व्यांख्या करती है। मुस्कान के साथ सरल छवि वाले दवे पूरी तरह से कर्मयोगी थे।
गुजरात के एक बुजुर्ग दंपति ने आज अपने जीवन की पूरी कमाई राष्ट्रीय रक्षा निधि में दान कर दिया है। भावनगर के जनार्दनभाई भट्ट और उनकी पत्नी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त हैं।
दुनिया के महान भौतिकविद् स्टीफन हॉकिंग ने एक बार फिर धरती पर मानव जीवन को लेकर सौ सालों के बाद होने वाली मुश्किलों के लिए आगाह किया है। हॉकिंग ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, बढ़ती आबादी और उल्का पिंडों के टकराव को देखते हुए खुद को बचाए रखने के लिए मनुष्य को दूसरी धरती खोज लेनी चाहिए।