Advertisement

Search Result : "प्रफुल्ल खोड़ा पटेल"

'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

अहमदाबाद में विशाल रैली बुलाकर हार्दिक पटेल में अपना लोहा मनवा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्‍य की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए उन्‍होंने कहा है कि मांग नहीं मानी तो दोबारा कमल नहीं खिलेगा। यह रैली भले ही आरक्षण की मांग को लेकर हुई लेकिन हार्दिक पटेल के तेवर पूरी तरह सियासी दिखे। उन्‍होंने मंच से केजरीवाल, नीतीश कुमार और सरदार पटेल का नाम लेकर अपनी राजनैतिक महत्‍वाकांक्षाओं की झलक दिखाई है।
अब संघ सुलझाएगा गुजरात में ओबीसी विवाद

अब संघ सुलझाएगा गुजरात में ओबीसी विवाद

गुजरात में ओबीसी कोटे को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने कमान संभालने का फैसला किया है। संघ ने भाजपा की गुजरात सरकार के साथ एक बैठक में पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन को सुलझाने के लिए प्रयास करने फैसला का किया है।
श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम में स्पिनरों पर जोर

श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम में स्पिनरों पर जोर

श्रीलंका के खिलाफ 12 अगस्त से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की शृंखला के लिए भारतीय टीम का चयन गुरुवार को संदीप पाटिल की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति करेगी जिसमें फोकस तीसरे स्पिनर पर होगा।
अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

सुरक्षा एजेंसियों की भारी चौकसी के बीच शहर में आज भगवान जगन्नाथ की 138 वीं रथयात्रा और ईद उल फित्र का त्योहार मनाया गया। ये दोनों त्योहार 30 वर्ष बाद संयोग से एक ही दिन मनाये गये। धूमधाम से शुरू हुई इस रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
रहस्यमय व्यापमं मौतों पर छह पर्दे

रहस्यमय व्यापमं मौतों पर छह पर्दे

व्यापमं को घोटाला कहा जाए या डेथ-ट्रैप यानी मौत का जाल या फिर मौत का बरमूडा त्रिकोण...। एक बात साफ है कि इसके पास जाने वाले या इसमें शामिल लोगों की मौतों का आंकड़ा जिस तेजी से बढ़ा, उसने इसे भारत के सबसे रहस्यमय खौफनाक घोटाले में तब्दील कर दिया। ऐसा रहस्य जो बड़ी-बड़ी आपराधिक गाथाओं को मात देने को आतुर हो।
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
प्रफुल्ल बिदवई को आखिरी सलाम

प्रफुल्ल बिदवई को आखिरी सलाम

वरिष्ठ पत्रकार, एक्टिविस्ट, परमाणु मुद्दे पर जनपषधर लेखनी से अलग मुकाम बनाने वाले प्रफुल्ल बिदवई को आज लोदी रोड के विद्युत शवदाहगृह में दी गई भाव-भीनी श्रद्धांजलि
Advertisement
Advertisement
Advertisement