पंजाबी फिल्म द ब्लड स्ट्रीट को सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र न मिलने के कारण यह फिल्म भारत में रिलीज नहीं हो पा रही है। इससे पहले कौम दे हीरे भी ऐसी स्थिति झेल चुकी है। ज्यादा तर पंजाबी फिल्मों की पृष्ठभूमि 84 के दंगे या उसके बाद की स्थितियों पर ही बन रही हैं।
छावनी परिषद के चुनावों में इन दोनों जगहों पर भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया है। बनारस और लखनऊ में भाजपा ने क्रमश: आठ और सात सीटों पर चुनाव लड़ा मगर इसे एक भी सीट नहीं मिली।