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बिहार में पैदा हुए बाबा सिद्दकी ने मुंबई में पायी शौहरत, दाउद ने दी थी धमकी

बिहार में पैदा हुए बाबा सिद्दकी ने मुंबई में पायी शौहरत, दाउद ने दी थी धमकी

आज बाबा सिद्दकी और उनके दोस्त रफीक मकबूल कुरैशी समेत कई लोगों के ठिकानों पर एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने छापा मारा। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई मनी लॉन्डरिंग के मामले में की गई। इनका नाम स्लम रिहैबिलिटेशन स्कैम से भी जुड़ा था।बाबा सिद्दकी का असली नाम जिआउद्दीन सिद्दकी है और उनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। लेकिन जिआउद्दीन ने शौहरत,दौलत और पहचान मुंबई में पायी। वह महाराष्ट विधान में कई बार एमएलए रहें और एक बार राज्य सरकार में मंत्री भी बनें।
OMG...पैदा होते ही चलने लगा ये बच्चा, वीडियो देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान

OMG...पैदा होते ही चलने लगा ये बच्चा, वीडियो देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान

सोशल मीडिया पर आये दिन छोटे बच्चों के कई अनोखे कारनामों से जुड़े हैरतअंगेज वीडियो देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड हो रहा है, जिसने सिर्फ डॉक्टरों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस वीडियो में पैदा होते ही एक बच्चा चलने की कोशिश कर रहा है।
जन्‍मदिन विशेष: चोटों से उबर जाते तो नेहरा देश के होते सबसे घातक गेंदबाज

जन्‍मदिन विशेष: चोटों से उबर जाते तो नेहरा देश के होते सबसे घातक गेंदबाज

तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को समय समय पर इंजरी नहीं होती तो वह देश के सबसे घातक गेंदबाज हो सकते थे। उनकी गति और स्विंग को देखते हुए बल्‍लेबाज उन्‍हें हमेशा सतर्क होकर खेलते हैं।
एनकाउंटर नहीं होते तो मोदी जैसा पीएम नहीं मिलता, गुजरात बन जाता कश्‍मीर: वंजारा

एनकाउंटर नहीं होते तो मोदी जैसा पीएम नहीं मिलता, गुजरात बन जाता कश्‍मीर: वंजारा

गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने राज्य में हुए एनकाउंटर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख वंजारा ने कहा कि गुजरात में कोई भी एनकाउंटर फर्जी नहीं था। मुठभेड़ में मारे गए आतंकी राजनेताओं को मारने और राज्य की शांति और समृद्धि को नष्ट करने के लिए आए थे।
आम तौर पर पूरे नहीं होते चुनावी वादेः जस्टिस खेहर

आम तौर पर पूरे नहीं होते चुनावी वादेः जस्टिस खेहर

देश के प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने आज कहा कि चुनावी वादे आम तौर पर पूरे नहीं किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घोषणापत्र सिर्फ कागज का एक टुकड़ा बन कर रह जाता है, इसके लिए राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
'पीएम मोदी का वादा अधूरा, 2 करोड़ नहीं 1 लाख 30 हजार नौकरी पैदा हुई'

'पीएम मोदी का वादा अधूरा, 2 करोड़ नहीं 1 लाख 30 हजार नौकरी पैदा हुई'

कांग्रेस के राज्‍यसभा सदस्‍य कपिल सिब्बल ने रोजगार के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। सिब्‍बल ने राजयसभा में कहा कि सरकार ने दो करोड़ रोजगार के अवसर मुहैया कराने का वादा किया था जबकि साल भर में एक लाख 30 हजार रोजगार के अवसर ही उत्पन्न हो पाए।
'एच- 1 बी : वीजा कटौती से भारत-अमेरिकी संबंधों में पैदा हो सकती है खटास'

'एच- 1 बी : वीजा कटौती से भारत-अमेरिकी संबंधों में पैदा हो सकती है खटास'

अमेरिका के ट्रंप प्रशासन को एच-1 बी वीजा मामले में अपनी स्थिति पर फिर से विचार करना चाहिये, यदि वह वीजा कटौती के अपने रुख पर आगे बढ़ता है तो यह भारत-अमेरिका संबंधों में एक भावनात्मक अवरोध बन खड़ा हो सकता है। यह बात भारत के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कही।
सरदार पटेल पहले प्रधानमंत्री होते तो देश कुछ अलग होता : मोदी

सरदार पटेल पहले प्रधानमंत्री होते तो देश कुछ अलग होता : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भरोसा जताया कि उत्तरप्रदेश में अगली सरकार भाजपा-अपना दल गठबंधन की बनेगी जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा महज अपना चेहरा बचाने का प्रयास कर रही है। देश में कुशासन के लिए कांग्रेस को कोसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर सरदार पटेल पहले प्रधानमंत्री होते तो देश कुछ अलग होता।
'...तो मोदी आज सोमालिया-बुरूंडी जैसे किसी देश की कमान संभाल रहे होते'

'...तो मोदी आज सोमालिया-बुरूंडी जैसे किसी देश की कमान संभाल रहे होते'

शिवसेना ने केंद्र में एक के बाद एक आई कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए विकास कार्यों की सराहना की और एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। शिवसेना ने कहा कि मोदी नोटबंदी के कारण पैदा हुई अराजकता को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
गाली गलौज- बिना लाग लपेट के बात करने वाले होते हैं ज्यादा ईमानदार

गाली गलौज- बिना लाग लपेट के बात करने वाले होते हैं ज्यादा ईमानदार

क्या आप उन लोगों से हमेशा नाराज रहते हैं जो ज्यादा अपशब्दों का इस्तेमाल करता है? लेकिन आपको बता दूं कि वे अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा ईमानदार हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि जो लोग बिना किसी लाग-लपेट के अक्सर कुछ भी बोल देते हैं, उन लोगों का झूठ और छल-कपट से संबंध होने की संभावना बहुत ही कम होती है।
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