भारत भर के तमाम पाठक, लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेले के प्रशंसक हर बरस मेले की बाट जोहते हैं। इस साल यह मेला हर साल की तरह प्रगति मैदान में 9 से 17 जनवरी 2016 को होगा।
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। आज जेटली के इस्तीफे की मांग करते हुए आप कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को पानी की बौछार छोड़ने पड़ी और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
सन 1994 से लेकर 2000 तक मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स के कई ताज अपने नाम करने वाली भारतीय सुंदरियां पिछले 15 साल विश्व फलक पर कोई खास छाप छोड़ने में नाकाम रही हैं। इस बार मिस स्पेन मिरिया लालागुना रोयो ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता है जबकि मिस इंडिया अदिती आर्य टॉप 20 में भी जगह नहीं बना पाईं।
हिंदी के अनेक दुर्लभ ग्रंथ, पुरानी पुस्तकों की प्रति, पत्रिकाओं की पुरानी फाइलें अब उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण देश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य प्रामाणिक ढंग से नहीं हो पाते और साहित्य में ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर गड़बड़ियां बनी रहती हैं। इस कमी को देखते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने सन 1933 में प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को दोबारा प्रकाशित कर अच्छा काम किया है। लेकिन जिस तरह हड़बड़ी और असावधानी में यह ग्रंथ प्रकाशित किया गया है उसे लेकर चिंता होती है।
चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात में भी भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अगले दो दशक में इसमें 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने यहां प्रगति मैदान में 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला - 2015 (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर मेक इन इंडिया अभियान के साथ-साथ विनिर्माण पर जोर दिए जाने की जरूरत है।
माखनलाल फोतेदार की पुस्तक 'द चिनार लीव्स’ में नेहरु-गांधी परिवार के बारे में कई खुलासे किए है। इस खुलासे के बाद कांग्रेस असहज महसूस कर रही है। पुस्तक ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कमान सौंपने की तैयारी चल रही है। पुस्तक में जो खास बाते हैं प्रस्तुत है उसका प्रमुख अंश:
बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
मुख्यधारा के कलाकारों कंगना रणौत, राजकुमार राव, आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा ने 17वें जियो मामी मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में शिरकत करते हुए इस आयोजन के प्रति अपना समर्थन जताया। यह आयोजन स्वतंत्र फिल्मकारों को अपना काम दिखाने के लिए मंच उपलब्ध करवाता है।