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Search Result : "पीनु उर्फ रवि कुमार"

अनिल करमेले की कविताएं

अनिल करमेले की कविताएं

2 मार्च 1965 को छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश में जन्मे कवि अनिल करमेले की कविताएं सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है। पहल, हंस, ज्ञानोदय, वागार्थ, वसुधा, कथादेश, जनसत्ता, इंडिया टुडे, शुक्रवार, पब्लिक एजेंडा, दैनिक हिन्दुस्तान, नई दुनिया, लोकमत समाचार, भास्कर आदि में वह प्रमुखता से छपे हैं। साथ ही लेख एवं समीक्षाएं भी प्रकाशित हुई हैं। ‘ईश्वर के नाम पर’ उनकी पहली किताब प्रकाशित हुई थी। इसी पुस्तक पर उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादेमी का "दुष्यंत कुमार" पुरस्कार मिला। फिलवक्भात वह भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) के अंतर्गत महालेखाकार लेखापरीक्षा कार्यालय में सेवारत हैं।
रवि की मौत की जांच सीबीआई को

रवि की मौत की जांच सीबीआई को

कर्नाटक सरकार ने आईएएस ऑफिसर डी.के. रवि की मौत का मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य विधानसभा में यह घोषणा की। विपक्षी दल और रवि के परिवार के लोग शुरू से ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे जबकि सरकार ऐसा नहीं चाहती थी।
रवि की मौत के पीछे रंजिश या मोहब्बत?

रवि की मौत के पीछे रंजिश या मोहब्बत?

कर्नाटक में एक युवा और जोशीले आइएएस अधिकारी डी.के. रवि की अप्राकृतिक मौत एक अप्रत्याशित अंत में तब्दील हो गई है। पूरे देश के मध्य वर्ग को नेताओं और नौकरशाहों में अपना नायक तलाशने की आदत हो गई है, इससे बुरी तरह विचलित है। भारत में लगातार बढ़ता यह वर्ग यथास्थिति कायम रखने का पक्का समर्थक है और समस्याओं की जड़ तलाशने एवं उनके समाधान का प्रयास करने से इनकार करता रहा है। यह समस्या के लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करने और उनके आसान हल तलाशने में ही खुश रहता है और खुद को अपने नायक की भक्ति में व्यस्त रखता है।
कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कर्नाटक के ईमानदार आइएएस अफसर डीके रवि की मौत का मामला राज्य की विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में गूंज चुका है। राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है लेकिन रवि की मौत के राज से अब तक पर्दा नहीं हट पाया है।
रवि की मौत की सीबीआइ जांच कराए कर्नाटक सरकारः सोनिया

रवि की मौत की सीबीआइ जांच कराए कर्नाटक सरकारः सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर्नाटक के आईएएस अधिकारी डी.के. रवि की रहस्यमयी मौत के मामले की सीबीआई जांच कराने की सलाह राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को दी है।
आइएएस पोते रव‌ि के गम में दादी भी चल बसीं

आइएएस पोते रव‌ि के गम में दादी भी चल बसीं

कर्नाटक के बेंगलूरू में आइएएस डीके रवि की मौत को उनकी दादी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इस परिवार में कुछ ही दिन के भीतर मौत की यह दूसरी घटना है।
राज्यसभा में खान और खनिज विधेयक को मंजूरी

राज्यसभा में खान और खनिज विधेयक को मंजूरी

काफी विवादों और तकरार के बाद खान एवं खनिजों के मामले में राज्यों को और अधिक अधिकार देने वाले चर्चित विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई। कांग्रेस एवं वाम दलों को छोड़कर अधिकतर पार्टियों ने इसका समर्थन किया जबकि जदयू ने यह कह कर वाकआउट किया कि वह इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहता है।
क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

बेंगलूरू में आइएएस अफसर डीके रवि की मौत ने कई सवाल पैदा किये हैं। रवि की छवि एक ईमानदारी अधिकारी की थी। उनकी सख्ती की वजह से रेता और खनन माफिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थीं। माना जा रहा है कि उनकी हत्या के पीछे भी माफिया का हाथ है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मंजूनाथ और नरेंद्र कुमार सिंह समेत देश के कई राज्यों में ईमानदार अफसर अपनी जान गंवा चुके हैं। कुछ को अपनी ईमानदारी की वजह से दूसरी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। जिस तरह से भारत में भ्रष्टाचार संस्थागत रूप लेता जा रहा है इसने ईमानदार और उसूल वाले लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
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