पश्चिम बंगाल में पहले चरण के दूसरे दौर और असम चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण के लिए आज बंपर वोटिंग के साथ मतदान संपन्न हुआ। असम के 61 विधानसभा क्षेत्रों में आज हुए मतदान में 82 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। जबकि पश्चिम बंगाल में 31 सीटों के लिए 79 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम मशीनों में बंद कर दिया।
असम में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में महिलाओं ने भले ही पुरूषों को पछाड़ दिया हो लेकिन इस चुनाव में कुल उम्मीदवारों में से केवल 8.6 प्रतिशत महिलाएं ही अपनी किस्मत आजमा रही हैं। 2011 चुनाव के मुकाबले सभी बड़े राजनीतिक दलों ने इस बार कम महिलाओं को टिकट दिए हैं।
देश में आधार नामांकन की संख्या कुछ ही दिनों में 100 करोड़ के आंकड़े को लांघ जाएगी। इस उपलब्धि से सरकार की उस योजना को बड़ा बल मिलने की उम्मीद है जिसके तहत वह विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ व सब्सिडी लाभान्वितों को सीधे पहुंचाना चाहती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर के पूर्व संपादक शेषाद्रिचारी का संघ से पुराना नाता है। प्रसार भारती बोर्ड के लिए जब सदस्यों का चयन किया जाना था तो शेषाद्रिचारी का नाम भी सुर्खियों में आया।
मतदाता प्रतिशत बढ़ाने के लिए और ईमानदार मतदान को प्रोत्साहित करने के लिए चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में धुआंधार प्रचार कर रहा है। इस प्रचार अभियान के तहत आयोग का प्रमुख ध्यान महिला और युवा मतदाताओं पर है।
राजीव गांधी की कंप्यूटर क्रांति या नरेन्द्र मोदी-राहुल गांधी की डिजिटल क्रांति से दिख रही प्रगति को सलाम ही किया जाएगा। हां, राजीव युग में बदलाव के साथ नए-पुराने लोगों और टेक्नोलॉजी का समन्वय था। मोदीजी की डिजिटल क्रांति में सब कुछ बदला हुआ दिखना जरूरी है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 34 देश ऐसे हैं जिनके पास अपनी आबादी को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है और इनमें से 80 प्रतिशत देश अफ्रीका महाद्वीप के हैं। इस अनापूर्ति के पीछे एक बहुत बड़ी वजह इन देशों का संघर्ष, सूखा और बाढ़ इत्यादि से जूझना बताई गई है।
मकान खरीदकर उसके कब्जे के लिए सालो साल इंतजार करने के दिन खत्म होने वाले हैं। आपसे पैसा लेकर बिल्डर अब दूसरी परियोजनाओं में उसे नहीं लगा सकते है। आपका कम से कम 70 फीसदी पैसा उसी परियोजना की भूमि और निर्माण में लगेगा जिसके लिए आपने पैसा दिया है।
सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने दावा किया कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब निर्देशकों ने अपनी फिल्म में कुछ सीन रहने देने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रिश्वत देकर अपने काम को वैसा ही बनाए रखना चाहते हैं।