सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पासपोर्ट दोबारा जारी करने के लिए पुलिस सत्यापन की जरूरत नहीं है। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने आज लोकसभा को लिखित जवाब में बताया कि पासपोर्ट दोबारा जारी करने के लिए, पुलिस सत्यापन की जरूरत नहीं है।
मीरांबाई की संघर्ष-यात्रा को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास ‘रंग राची’ आखिरकार पाठकों तक पहुंच ही गया। दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में नामवर सिंह ने अध्यक्षीय आशीर्वचन दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी में बहुत कवयित्रियां हुई लेकिन जो स्थान मीरां ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीरां स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं।’ इस उपन्यास को सुधाकर अदीब ने लिखा है और यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
जनता दल यूनाइटेड के बागी विधायक अब भारतीय जनता पार्टी का गुणगान कर रहे हैं। तकनीकी कारणों से भाजपा में शामिल न हो पाने के कारण ये विधायक जदयू के साथ बने हुए हैं लेकिन भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुज्जफरपुर की रैली को सफल बनाने के लिए जदयू के बागी विधायकों ने पूरा जोर लगाया और यहां तक की रैली में भी शामिल हुए।
ललितगेट के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर चल रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर बड़ा खुलासा किया है। उनका दावा है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कोलगेट के आरोपी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट दिलवाने के लिए उन पर दबाव डाला।
इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी और स्मार्ट फोन के इर्द-गिर्द ही सिमट चुकी है पूरी युवा आबादी। इसी आबादी के बीच ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स ने गहरी पैठ बना ली है। भारत में फिलहाल 63 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन आ गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने 30 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता बढ़ते जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत स्मार्टफोन का दूसरा बड़ा बाजार बन गया है। नेटवर्किंग समाधान कंपनी सिस्को का अध्ययन बताता है कि अगले चार साल में यहां 65 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन उपभोक्ता हो जाएंगे।
विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी के पासपोर्ट से संबंधित आवेदन पर तभी विचार करेगी पक जब तब वह सभी औपचारिकताओं को पूरा करेंगे।
ग्रीनपीस इंडिया की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से आधिकारिक तौर पर ऑफलोड मुहर को हटा ली गई है। इसके साथ ही खुफिया ब्यूरो द्वारा जारी विवादास्पद ‘लूक आउट सर्कुलर’की कार्रवाई के बाद पिछले चार महीनों से जारी घटनाक्रम पर विराम लग गया है।