मणिपुर विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला प्रदेश के पलक्कड़ जिले की जनजातीय बस्ती अट्टापड्डी में कुछ समय गुजारेंगी।
बसपा प्रमुख मायावती चुनाव परिणाम आने के बाद ही समर्थन के बारे में सोंचेगी। बसपा सूत्रों के मुताबिक अभी पार्टी प्रमुख चुनाव परिणाम का इंतजार करेगी। उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगी। बसपा प्रमुख की ओर से यह संकेत उस समय आया है जब समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेेश यादव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बसपा से भी हाथ मिलाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने अंतिम दो चरणों के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सभा स्थल पर भीड़ नहीं जुट पाने के कारण समय में बदलाव करना पड़ा।
सूडान के राष्ट्रपति उमर अल बशीर ने अपने एक प्रमुख सहयोगी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। वर्ष 1989 में तख्तापलट के बाद सत्ता में आने पर उन्होंने इस पद को समाप्त कर दिया था।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है। अगले चरण के मतदान के लिए राजनैतिक पार्टियों ने अपना ध्यान धार्मिक शहर वाराणसी पर लगा दिया है। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र है।
निर्भया कांड के पश्चात किशोर न्याय अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद मध्यप्रदेश के झाबुआ की एक अदालत ने दो नाबालिगों को हत्या के आरोप में वयस्क की श्रेणी में रखा और उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई है।
राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों के चुनावी खर्च में पारदर्शिता लाने, पेड न्यूज पर लगाम लगाने, चुनाव आयोग के दायरे में विस्तार करके देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भाजपा सांसद वरूण गांधी का निजी विधेयक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम संशोधन विधेयक 2016 लोकसभा में विचार के लिए रखा जायेगा।
मणिपुर की पहली मुस्लिम महिला उम्मीदवार नाजीमा बीबी का कहना है कि उनके चुनाव लड़ने के खिलाफ फतवा जारी होने के बावजूद वह घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी लड़ाई और मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगी।
साहित्यिक संस्था ‘हुत’ की छत्तीसवें एकल काव्यपाठ में 73 वर्षीय कवि बजरंग बिश्नोई ने अपनी धर्मयुग में 1964 में प्रकाशित पहली कविता से लेकर आज तक रची/छपी कविताओं में से एक दर्जन का पाठ किया। कविताओं पर चर्चा में उनकी खामियों-खूबियों पर बहस के साथ ही कथ्य की सराहना हुई, खास कर खुदाबख्स उर्फ खुटईं , गोपी, आदतन, पत्नी के फूल चुनते हुए , अपने खिलाफ और एक विभावना है शहर शीर्षक कविताओं की।
एक बार फिर वही धुन। प्रिंट, टी.वी., वेब, मोबाइल फोन, फेसबुक, टि्वटर जैसे हर सूचना-संचार माध्यमों पर चुनावी राजनीति में बाहुबलियों के प्रभाव, पहचान, लोकप्रियता अथवा आतंक से जुड़ी सफलता, चुनाव में विजय की चिंता निरंतर हो रही है।