 
 
                                    दिल्ली पुस्तक मेला: पाठक कम लेखक ज्यादा
										    विश्व पुस्तक मेले में इस बार हिंदी लेखकों की आमद ने पाठकों को भी पछाड़ दिया है। देश के कोने-कोने से पधारे लेखकों को देख कर लगता है कि हिंदी साहित्य की परंपरा बहुत समृद्ध हो रही है। किताबों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि एक-एक लेखक साल भर में कम से कम पांच किताबें लिखने का माद्दा रखता है।										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
  
  
			 
                     
                    