अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के लिए नामित होने वाले संभावित लोगों की सूची में भारतीय अमेरिकी अमुल थापर का भी नाम शामिल है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पंजाब में सरकार की निष्क्रियता और पराली जलाने के चलन को नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि भयानक प्रदूषण स्तर दिल्लीवासियों के लिए वस्तुत: मौत की सजा है जिसकी वजह से उनके जीवन के तीन साल कम किए जा रहे हैं।
जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों से परिसर में विघ्नकारी राजनीति और प्रदर्शनों को हतोत्साहित करने की अपील करते हुए आरोप लगाया कि इससे विश्वविद्यालय का सुगमतापूर्वक चलने वाला कामकाज बाधित हो रहा है और प्रदर्शनों के जरिए अतार्किक मांगें उठायी जा रही हैं।
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की 32वीं बरसी पर राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह ने कहा है कि कर्तव्य की उपेक्षा करने वाले और दंगाइयों पर आंखें बंद कर लेने वाले सरकारी अधिकारियों को हिंसा में सहायता करने वाला घोषित किया जाना चाहिए।
देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।
न्यायिक नियुक्तियों में विलंब को लेकर उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद सरकार ने कहा है कि इसने उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की मंजूर संख्या को 906 से बढ़ाकर 1079 कर दिया है। सरकार ने कहा है कि राजग सरकार के शासनकाल में उच्च न्यायालयों में खाली पदों में असामान्य बढ़ोतरी नहीं हुई है।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से गायब एमएससी (बायोटेक्नो लॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को लेकर कैंपस का माहौल गर्म है। बार फिर यहां लाल और भगवा ब्रिगेड आमने-सामने हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर दिल्लीड पुलिस कमिश्नैर आलोक वर्मा से भी बात की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को लापता छात्र का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया।
देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।