नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ट्वीट के जरिए निशाना साधते हुए कहा कि मोदी साहित्यकारों के गुस्से को समझने के बजाय, उनमें ही जिस तरह से दोष निकाल रहे हैं, वह चिंताजनक है
बिहार विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर है। चुनाव परिणाम जो भी हो लेकिन सभी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। मुख्य मुकाबला भाजपानीत राजग और महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस) के बीच है। लोकसभा चुनाव के बाद राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जीत की लय (दिल्ली को छोडक़र) बरकरार रखने के लिए भाजपा कड़ी मेहनत कर रही है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह आश्वत हैं कि इस चुनाव में भी जीत निश्चित है। शाह के व्यस्त कार्यक्रमों के बीच आउटलुक के विशेष संवाददाता ने पटना में विस्तार से बात की। पेश है प्रमुख अंश-
एक स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते दिखाए जाने के बाद बिहार के नगर विकास मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा ले लिया है। बिहार में पहले चरण के मतदान से ठीक पहले मंत्री का स्टिंग सामने अाने से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, संभवतः नीतीश और भारती यादव अपने दोस्त की शादी में जिस तरह डांस कर रहे थे उसने भारती के भाइयों विकास और विशाल को गुस्सा दिला दिया और उन्होंने नीतीश का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।
अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने छोटे बच्चों में पूर्ण टीकाकरण को 18.6 फीसदी से 70 फीसदी तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। यह देश के औसत के बराबर है।
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में घोषणापत्र जारी करने के बजाय विजन के जरिए बिहार के विकास के लिए उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की। विजन डाक्यूमेंट में भाजपा ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन बिहार व डिजिटल इंडिया पर जोर दिया है। इसके साथ ही लैपटाप, स्कूटी व रंगीन टीवी बांटने पर भी इस डाक्यूमेंट में जोर दिया गया है। लेकिन यह विजन क्या बिहार की जनता को लुभा पाएगी इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक संशय ही जताते हैं।
दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों की सूची देखने से साफ लगता है कि विकास के दावे और वादे नेपथ्य में चले गए हैं। उसकी जगह सामाजिक समीकरण के मद्देनजर जिताऊ कहे जा सकनेवाले उम्मीदवारों ने ले ली है। महागठबंधन ने जहां अपने मंडल या कहें सामाजिक न्याय के सिद्धांत को सामने रखकर पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों पर भरोसा किया है तो भाजपा और उसके गठबंधन ने सर्वाधिक सीटें अपने सवर्ण जनाधार को ध्यान में रखकर बांटी है।