बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी पार्टियों ने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करनी शुरु कर दी है। ना सिर्फ विपक्षी पार्टियों ने ही बल्कि भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी मोदी सरकार के खिलाफ अब मैदान में उतर गई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध करने वाली पार्टियों ने कई सवाल भी खड़े किए हैं।
उत्तर कोरिया ने आज सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया। इस मिलाइल की पहुंच अमेरिका के अलास्का तक है। परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया ने दावा किया कि यह मिसाइल इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल की श्रेणी का है। इस कदम से अमेरिका भड़क गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से कहा कि वह उत्तर कोरिया को ऐसी बेवकूफियां सदा के लिए बंद करने को कहे।
अल्मोड़ा जिले में माओवादियों ने एक बार फिर पोस्टर, पर्चे और वॉल राइटिंग से दस्तक दी है। इस बार धौलछीना में माओवादियों ने इंटर कॉलेज, ब्लॉक मुख्यालय और साइन बोर्ड में लाल रंग से शराब विरोधी नारे लिखे। इधर पोस्टर लगने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई है। बहरहाल पोस्टर लगाने वालों की तलाश शुरु कर दी गई है।
फर्जी खबरें रोज नए-नए शिकार खोज लेेेेती हैं। हाल ही में पत्रकार मधु त्रेहान को लेकर खबर आई कि उन्होंने फिल्म बाहुबली में मुस्लिम कलाकारों के नहीं होने पर सवाल उठाया है। इस मुद्देे को लेकर सोशल मीडिया में उनके खिलाफ खूब जहर उगला गया। जबकि त्रेहान का कहना है कि उनके हवाले से गलत बातें फैलाई जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में पशु वधशालाओं की कार्रवाई के बीच अन्य राज्य की मीट दुकानें भी सरकार के निशानें पर हैं। शिवसेना ने गुरुग्राम में जबरन मल्टीनेशनल फूड चेन केएफसी सहित मीट की 500 दुकानें बंद करा दी हैं।
फिल्मकार श्याम बेनेगल, सुधीर मिश्रा, नीरज घैवान सहित अन्य ने प्रकाश झा की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को प्रमाणपत्र देने से इनकार करने के सेंसर बोर्ड के फैसले की आलोचना की।
सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा से नोटबंदी के जख्मों का बदला लेगी।
बहुजन समाज पार्टी ने इस गुजरते साल में जहां अपने कई कद्दावर नेताओं को पार्टी का दामन छोड़ते देखा। वहीं नोटबंदी ने पार्टी को एक एेसा मुद्दा दे दिया जिससे वह भारतीय जनता पार्टी पर सीधे निशाना साध सकी। इसके साथ ही पार्टी को विश्वास है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत उसके ही हाथ लगेगी। मायावती को यह भी विश्वास है कि इस बार अल्पसंख्यक विशेषकर मुसलमान उनके साथ होंगे।