देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ज्यादातार उम्मीदवार इम्तिहान में बैठे बिना ही दौड़ से बाहर हो जाते हैं। इस साल करीब 51 फीसदी उम्मीदवार आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इस तरह ज्यादातर उम्मीदवारों का प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना सिर्फ फार्म भरने तक सीमित रह गया।
उत्पाद शुल्क में लगभग 70 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ अप्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 35.8 प्रतिशत बढ़कर 3.24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की झलक मिलती है। एक साल पहले इसी अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2.38 लाख करोड़ रुपये रहा था।
उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों को जोशीमठ से लेकर बद्रीनाथ धाम तक की यात्रा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एंड्रायड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन जारी की है।
संतों और स्थानीय लोगों द्वारा निकाले जा रहे जुलूस के दौरान हिंसा और आगजनी में आठ पुलिस वालों समेत कम से कम 12 लोग घायल हो गए। स्थिति को काबू में लाने के लिए बनारस के कई इलाकों में कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू भी लगाना पड़ा। पथराव, आगजनी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और उपद्रव के मामले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जर्मनी और भारत के मंत्रियों की तीसरी संयुक्त बैठक में हिस्सा लेने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कल भारत की यात्रा के लिए रवाना होंगी। इस बैठक में व्यापार एवं सुरक्षा जैसे अहम विषयों पर चर्चा हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयरलैंड और अमेरिका की हफ्ते भर की यात्रा के बाद स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं। मोदी ने भारत रवाना होने से पहले ट्वीट किया, मेरे अमेरिकी दौरे ने हमारे संबंधों की विशिष्ट गहराई और विविधता जाहिर की। मुझे कई कार्यक्रमों में शामिल होने का सुअवसर मिला, जिनमें से प्रत्येक ने कई सकारात्मक नतीजे दिए। इनका भारत को लाभ मिलेगा। अपने शानदार स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए उन्होंने अमेरिकी जनता को धन्यवाद दिया है।
तीसरी दफा ऐसा हुआ है कि देश में लगातार दूसरे साल सूखा पड़ा। मराठवाड़ा, बुंदेलखंड, पूर्वी उत्तर-प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राजस्थान सूखे की मार झेल रहे हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। देश का ध्यान धरतीपुत्र की खराब हालत की ओर दिलाने के लिए स्वराज अभियान के बैनर तले कई संस्थाएं और बुद्धिजीवि लोग देश के सूखाग्रस्त इलाकों में एक यात्रा का आयोजन कर रहे हैं। इस यात्रा को संवेदन यात्रा का नाम दिया गया है।