राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के बाद कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के गांव पिपलिया व्यास में रविवार को 60 वर्षीय किसान प्यारेलाल ओड ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। अब यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। आज कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता प्यारेलाल के परिजनों से मिलने पहुंचे। इधर जिला प्रशासन ने तत्काल न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए।
फिल्म से राजनीति तक का सफर बखूबी तय करना यह सबके बस की बात नहीं, लेकिन थिएटर, बॉलीवुड और टीवी एक्ट्रेस किरण खेर ने यह सफर काफी शानदार तरीके से तय किया। किरण आज अपान 62वां जन्मदिन मना रही हैं। किरण वर्तमान में चण्डीगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
शब्बीरपुर सियासत का क्या कोई नया मुकाम है, जो दलित राजनीति को नई डगर पर ले जाएगा? या फिर बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती की टूटती-बिखरती राजनीति के लिए नए मिट्टी-गारे का काम करेगा और उन्हें फिर से नई ताकत दे जाएगा?
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने सहारनपुर में एक फिर हिंसा भड़कने पर भाजपा और प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। रामगोपाल ने कहा कि सहारनपुर हिंसा भाजपा की राजनीति का दुष्परिणाम है।
साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को आजकल कई लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस विरोध का कारण कुछ और नहीं बल्कि रजनी के राजनीति में आने की खबरों को लेकर है। एक स्थानीय संगठन तमिलर मुन्नेत्र पडाई (टीएमपी) ने उनके खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है।
सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद 180 दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया है। दलितों की भीम आर्मी पर हिंसा और दंगे फैलाने का आरोप लगा है। दलितों ने इसी से खफा होकर इस तरह का कदम उठाया है। ये दलित तीन गांवों रूपड़ी, ईगरी व कपूरपुर के हैं। इन्होंने हिंदू धर्म त्यागने के दौरान बकायदा देवी-देवताओं की मूर्तियां पानी में प्रवाहित कर दी। दलितों ने पुलिस-प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत जल्द ही राजनीति के पायदान पर कदम रख सकते हैं। इस तरह के संकेत कहीं और से नहीं बल्कि रजनी द्वारा अपने फैन्स को दिए जा रहे बयानों से साफ नजर आया। रजनी ने न सिर्फ राजनीति में ही आने की बात नहीं की बल्कि द्रमुक एवं अन्नाद्रमुक की बजाय किसी अन्य पक्ष के साथ गरीबों की राजनीति करने की बात कही।
लालू यादव की बेटी व दामाद तथा पी चिदम्बरम व उनके बेटे के ठिकानों पर जांच एजेंसियों के छापों से राजनीति एकाएक गरमा गई है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता से सरकार घबरा गई है जिसके चलते सारी कार्रवाई की जा रही है।