Advertisement

Search Result : "दो भारतीय"

यमन भेजे गए भारतीय युद्धपोत

यमन भेजे गए भारतीय युद्धपोत

हिंसाग्रस्त यमन से भारतीयों को निकालने के लिए भेजे गए भारत के दो जंगी जहाज उन यात्री जहाजों को जलदस्यु रोधी सेवाएं भी उपलब्ध कराएंगे जो फंसे नागरिकों को वापस लाने के लिए जिबूती बंदरगाह भेजे गए हैं।
यमन में फंसे भारतीयों को लाने की कवायद शुरू

यमन में फंसे भारतीयों को लाने की कवायद शुरू

भारत सरकार ने यमन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने की कोशिश शुरू कर दी है। एअर इंडिया ने अशांत यमन में फंसे सैकड़ों भारतीयों को लाने के लिए आज अपना पहला विमान भेजा।
वीके सिंह का गुस्सा मोदी को महंगा पड़ेगा

वीके सिंह का गुस्सा मोदी को महंगा पड़ेगा

पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित पार्टी में पहुंचे केंद्रीय मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने ट्वीट के जरिए जो गुस्सा निकाला वह मीडिया के लिए नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी है। क्योंकि वीके सिंह को ऐसे समय में उस कार्यक्रम में जाने के लिए कहा गया जिसके लिए वह तैयार नहीं थे और मीडिया में सरकार की जगह सिंह की किरकिरी हुई।
द हिंदू में होगी पहली बार छंटनी

द हिंदू में होगी पहली बार छंटनी

क्या अंग्रेजी अखबार द हिंदू में कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी चल रही है? जो खबरें बाहर आ रही है उससे तो यही संकेत मिलते हैं।
पेनसिल्वेनिया यूनीवर्सिटी में भारतीय प्रोफेसर बने डीन

पेनसिल्वेनिया यूनीवर्सिटी में भारतीय प्रोफेसर बने डीन

विजय कुमार 2012-14 के दौरान व्हाइट हाउस के ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी में रोबोटिक्स एवं साइबर भौतिक प्रणाली के सहायक निदेशक के तौर पर काम कर चुके हैं। अब वह पेन इंजीनियरिंग के अगले डीन होंगे।
क्या फिर शाह या मात

क्या फिर शाह या मात

भारतीय जनता पार्टी में नए अध्यक्ष के लिए अक्टूबर-नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर सुगबुगाहट अभी से तेज हो गई हैं।
तीन देशों की यात्रा संपन्न कर स्वदेश लौटे प्रधानमंत्री

तीन देशों की यात्रा संपन्न कर स्वदेश लौटे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी पांच दिवसीय यात्राा समाप्त कर स्वदेश लौट आए। तीन देशों - सेशल्स, माॅरीशस और फिर श्रीलंका - की यात्रा के अंतिम दिन मोदी जाफना का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्राी बने।
मत हथियाइए कृषि भूमि और चरागाह

मत हथियाइए कृषि भूमि और चरागाह

भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है, हालांकि भारी विरोध को देखते हुए मोदी सरकार सहमति, मुआवजे और निजी क्षेत्र के लिए अधिग्रहण के प्रावधानों पर थोड़ी नरम पड़ी। अब गेंद राज्य सभा के पाले में है। जहां विपक्ष का बहुमत है। विपक्ष और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के शिवसेना जैसे सहयोगी, विधेयक के विरोध की जमीन पर बने रहें चाहें तो आपसी सहमति अथवा दोनों पक्षों की थोड़ी नरमी से विधेयक पारित हो जाए। इस मसले पर कई मत हैं। थोड़े और संशोधनों के पक्षधर तो कुछ इस विधेयक को पूरी तरह नकार देने के। भाजपा की विचारधारा वाले के. एन. गोविंदाचार्य भी इस मसले पर भाजपा सरकार से अलग राय रखते हैं। अण्णा हजारे और उनके सहयोगी संगठनों को मोदी सरकार की नई भूमि अधिग्रहण नीति के विरोध में गोलबंदी के लिए प्रेरित करने में गोविंदाचार्य ने अहम भूमिका निभाई है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement