बिहार के मधुबनी जिले में आज एक बस के सड़क किनारे स्थित तालाब में गिरने से कम से कम 10 यात्रियों की मौत हो गई। हादसे में और छह अन्य लोगों के मारे जाने की आशंका है।
महाराष्ट्र के आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा ने कुपोषण से हुई बच्चों की मौत पर लापरवाही भरा बयान दिया है। उन्होंन कहा है कि 'कुपोषण से 600 बच्चों की मौत हुई हैं तो होने दो।' ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान आने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सीएम से उन्हें मंत्रिमंडल से निकालने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में शुक्रवार को एक लड़की से कथित रूप से छेड़छाड़ के बाद दो पक्षों में हिंसक संघर्ष और गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए। इस संबंध में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
पाकिस्तान के अशांत उत्तर पश्चिमी कबायली क्षेत्र मोहमंद एजेंसी में जुमे की नमाज के दौरान खचाखच भरी एक मस्जिद में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
दिल्ली के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को चिकुनगुनिया से पीड़ित पांच और लोगों की मौत हो गई जबकि एम्स ने एक संदिग्ध मामले की पुष्टि की, जिससे राजधानी में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढकर 11 हो गई। इस रोग ने गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है।
कर्नाटक में प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज से बचने का प्रयास करते समय जख्मी हुए एक व्यक्ति की आज मौत हो गई जिसके साथ राज्य में जारी हिंसक प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या दो हो गई। इस विवाद में सबसे अधिक प्रभावित बेंगलूरू शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्नाटक एवं तमिलनाडु में आज कुछ प्रदर्शनों के दौरान लक्ष्य बनाकर हमले किए गए।
पिछले 26 सालों में पहली बार बकरीद के मौके पर कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों में आज कर्फ्यू लगाया गया। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा संघर्षों में दो युवक की मौत होने के बाद अधिकारियों ने घाटी के सभी जिलों में कर्फ्यू लगा दिया।
कश्मीर घाटी में पिछले दो माह से जारी हिंसा की घटनाओं में कुछ कमी आने के बाद एक बार फिर से झड़प का सिलसिला शुरू हो गया है। शनिवार को दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा संघर्ष में दो युवकों की मौत होने के साथ ही घाटी में मरने वालों की संख्या 75 हो गई।
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए युद्ध अपराधों के मामले में जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता एवं प्रमुख वित्त पोषक मीर कासिम अली को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है।