फैशन करना तो सब चाहते हैं पर छोटी-छोटी गलतियां फैशनेबल लोगों की मुसीबत का सबब भी बन जाती हैं। कुछ बातें जो देख कर सीखी जाती हैं, उनमें भी सावधानी जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईरान दौरे से बहुत उम्मीदें हैं। इस यात्रा को अतिमहत्वपूर्ण यात्रा के मद्देनजर देखा जाना चाहिए। इस दौरान उद्योग, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी कई संभावनाओं पर विचार और समझौते होने की उम्मीद है। ये समझौते भारत और ईरान को और करीब लाएंगे।
ईरान के साथ व्यापार, निवेश व उर्जा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर रविवार को तेहरान पहुंचे। इस यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रेस सलाहकार रह चुके सबसे नजदीकी संजय बारू ने सुझाव दिया कि है कि अगर कांग्रेस को मजबूत करना है तो पार्टी को सोनिया मुक्त करना होगा। साथ ही कभी पार्टी के साथ रहे ममता बनर्जी, शरद पवार, जीके वासन और जगन मोहन रेड्डी को साथ लेकर चलना होगा।
भारत और अमेरिका के बीच कल से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत दो दिन की द्विपक्षीय वार्ता शुरू होगी। यह बातचीत अमेरिका द्वारा अस्थायी कार्य वीजा के लिए उच्च शुल्क लगाने के मुद्दे पर हो रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने छात्रों को शिक्षा ऋण को लेकर आगाह करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें ठगने वाले स्कूलों के झांसे में नहीं आना चाहिए। ये स्कूल उन्हें कर्ज के बोझ में डुबा देंगे और डिग्री भी ऐसी देंगे जो किसी काम की नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि ‘शिक्षा व्यापार नहीं बल्कि उत्कृष्ट कार्य है। शिक्षा का उद्देश्य देश के लोगों को शिक्षित और सशक्त बनाना है। राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त प्रवेश परीक्षा लिया जाना या फीस निर्धारित करना शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है।’
मोटी रकम लेकर एमबीए का कोर्स करा रहे ज्यादातर बिजनेस स्कूलों से बेरोजगारों और अर्द्धबेरोजगार पेशेवरों की खेप दर खेप निकल रही हैं। उद्योग मण्डल एसोचैम के एक ताजा अध्ययन में किए गए महत्वपूर्ण सर्वेक्षण में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
जदयू के नवनियुक्त अध्यक्ष नीतीश कुमार के आरएसएस मुक्त भारत बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ने के लिए आरएसएस की ही सीढ़ी का इस्तेमाल किया था।