देशभर में मंगलवार को पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ ईद उल अजहा (बकरीद) का त्यौहार मनाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सुबह सवेरे ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा करने के बाद पारंपरिक रीति रिवाज के साथ जानवरों की कुर्बानी दी।
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पंतजलि आयुर्वेद के प्रमोटर आचार्य बालकृष्ण देशभर के शीर्षस्थ अमीरों में शामिल हो गए हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट- 2016 में अमीर आदमियों की कतार में आचार्य बालकृष्ण को 25 वां स्थान मिला है। आचार्य बालकृष्ण रामदेव के सबसे भरोसेमंद शख्स हैं।
विवादों में घिरे इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने चेतावनी दी है कि उनके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर प्रतिबंध भारतीय मुसलमानों के खिलाफ अन्याय होगा। साथ ही उन्होंने कहा है कि उन पर किसी तरह का हमला भारतीय मुसलमानों पर हमला है।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका से खुद को एक वैध परमाणु सशस्त्र देश के रूप में मान्यता देने की फिर से मांग की है। वहीं, विश्व के शक्तिशाली देश उसके हालिया और सबसे जोरदार परमाणु परीक्षण को लेकर उसे दंडित करने के तरीके तलाश रहे हैं।
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस और अमेरिका का दौरा करेंगे जहां वह पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुकाबला करने के प्रयासों को लेकर बातचीत करेंगे।
ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो शुरू हो गया है। एक्सपो 9 सितंबर तक चलेगा। इस एक्सपो में 650 से ज्यादा कम्पनियां हिस्सा ले रही हैं। यूबीएम इंडिया की ओर से आयोजित रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो का दसवां संस्करण है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि देश सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है और सरकार इन बैंकों को मजबूत बनाने के काम को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। जेटली ने यह भी कहा कि आईडीबीआई बैंक को छोड़कर बाकी सरकारी बैंकों का सार्वजनिक स्वरूप बना रहेगा।
लगातार दो सालों तक सूखे के बाद भारत में औसत बारिश हुई है। बारिश अगस्त के अंत तक 100 फीसदी के औसत से 2 प्रतिशत कम थी। लेकिन इसके बावजूद देश के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है। जिस कारण से यहां सूखे का संकट उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
देश में इस समय लाखों लोग नेत्रदान के जरिए आंखों की रोशनी पाने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई प्रकार की भ्रांतियों के चलते आज भी लोग उतनी संख्या में नेत्रदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं जितनी जरूरत है। सच्चाई यह है कि मधुमेह, अस्थमा और ब्लड प्रेशर के मरीज भी आसानी से नेत्रदान कर सकते हैं।