ठाणे में अपने ही परिवार के 14 सदस्यों की नृशंस हत्या करने के बाद आत्महत्या करने वाले हसनैन वारेकर ने अपने रिश्तेदारों से भारी कर्ज ले रखा था और ऐसी आशंका है कि उसने अपनी एक बहन के साथ यौन दुर्व्यवहार भी किया था जो मानसिक रूप से कमजोर थी।
महाराष्ट्र के ठाणे में एक ही परिवार के 14 लोगों की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट एक युवक हसनैन अनवर ने अपने परिवार के इन सभी लोगों की हत्या की और बाद में स्वयं भी खुदकुशी कर ली।
मध्य प्रदेश के देवास जिले में निवास। युवा पीढ़ी के समर्थ कहानीकार। कुशल वक्ता। मनीष की कहानियों में समाज की विडंबनाओं को लेखा-जोखा बखूबी दिखता है। परिवार और रिश्तों की कहानियों की बुनावट इतनी सघन होती है कि इस बारीकी में भी रिश्तों के नुकीले कोने चुभते से महसूस होते हैं।
आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए। राहुल गांधी ने दावा किया कि देश के किसान, मजदूर और व्यापारी के साथ-साथ बड़े-बड़े उद्योपति भी रो रहे हैं। उधर, असम में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने संसद नहीं चलने के लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराया।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक, देश के निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी के मामलों की संख्या सरकारी संस्थानों में होने वाली डिलीवरी की संख्या के दोगुने से ज्यादा है।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रावास में खुदकुशी करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला के परिजनों ने विश्वविद्यालय की तरफ से दी गई अनुग्रह राशि की पेशकश को ठुकरा दिया। परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की आलोचना करते हुए सवाल किया कि जवाब देने में उन्हें पांच दिन का समय क्यों लग गया।
हरियाणा पुलिस ने नेहरू-गांधी परिवार और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का नजदीकी बताकर सोनिया गांधी फॉउंडेशन चलाने वाले एक वीआईपी ठग को गिरफ्तार किया है। इसपर करोड़ो रूपये की हेराफेरी और ठगी करने के आरोप हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का रथ रोकने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) राज्य के बाहर अपने विस्तार की कोशिशों में जुट गई है। इसी योजना के तहत पार्टी जल्द ही नया चुनाव चिह्न हासिल कर सकती है।
एक गूढ़ वकील से लेकर देश के अब तक के एकमात्र मुस्लिम गृहमंत्री बनने तक का सफर तय करने वाले मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी की तरह राष्ट्रीय राजनीति और जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अपने लिए एक अलग मुकाम बनाया। लगभग छह दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन में सईद जम्मू-कश्मीर के ताकतवर अब्दुल्ला परिवार के खिलाफ शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी शक्ति का केंद्र बनकर उभरे। राजनीति के खेल में हमेशा अपने पत्ते छिपाकर रखने वाले सईद अपने राजनीतिक एजेंडे के अनुरूप चलने के लिए विरोधाभासी विचारधाराओं वाले दलों के साथ भी दोस्ती में गुरेज नहीं करते थे।