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Search Result : "दूसरी लहर का खतरा"

चर्चाः खेल-मेल चलना जरूरी | आलोक मेहता

चर्चाः खेल-मेल चलना जरूरी | आलोक मेहता

हिमाचल में बर्फ पिघल रही है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के लिए रुख नरम किया है। धर्मशाला में 19 मार्च को इस मैच का कार्यक्रम बहुत पहले से बना हुआ था।
डीयू पहुंची जेएनयू की लहर, प्रदर्शन के दौरान झड़प

डीयू पहुंची जेएनयू की लहर, प्रदर्शन के दौरान झड़प

दिल्ली विश्वविद्यालय आज छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपने समकक्ष छात्रों का समर्थन कर रहे छात्रों के एक समूह के बीच झड़प का गवाह बना। यह समूह देशद्रोह के मामले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन कर रहा था।
आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस की ओर से भारतीय नौजवानों को कथित तौर पर आकर्षित करने के प्रयासों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज देश के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं से मुलाकात की और आतंकी समूह के मंसूबों को नाकाम करने में उनका सहयोग मांगा।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
तेल बाजार तबाह होने का खतरा, अमेरिकी क्रूड 12 साल में सबसे सस्‍ता

तेल बाजार तबाह होने का खतरा, अमेरिकी क्रूड 12 साल में सबसे सस्‍ता

अंतरराष्ट्रीय उर्जा एजेंसी (आईईए) ने कच्चे तेल बाजार में अधिक आपूर्ति की चेतावनी दी है जिसके बाद एशियाई बाजार में आज अमेरिकी कच्चे तेल का भाव 28 डालर प्रति बैरल से नीचे आ गया। यह 12 साल का नया निम्न स्तर है।
जीएसटी में देरी की वजहें दूसरी : जेटली

जीएसटी में देरी की वजहें दूसरी : जेटली

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के संसद के चालू सत्र में पारित नहीं होने की संभावना की ओर संकेत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि विधेयक में देरी दूसरे कारणों से कराई जा रही है। मंत्री ने हालांकि, कहा कि सरकार बुधवार को समाप्त हो रहे शीतकालीन सत्र के आखिरी तीन दिन में राज्यसभा में सुधार संबंधी अन्य विधेयकों को आगे बढ़ाएगी। इन विधेयकों में मध्यस्थता एवं आपसी सहमति अधिनियम में संशोधन शामिल है जो वाणिज्यिक अदालतों और दिवालियापन से जुड़ी संहिता के गठन से जुड़ा है।
दूसरी पारी में भारतीय टीम 173 रन पर आउट,

दूसरी पारी में भारतीय टीम 173 रन पर आउट,

तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीकी पारी के 79 रन पर सिमटने के बाद दूसरी पारी में भारतीय टीम ने 173 रन पर दम तोड़ा। आखिरी पारी में दक्षिण अफ्रीका के सामने 310 रन का लक्ष्य।
फ्रांस पर अब कैमिकल और बायो अटैक का खतरा

फ्रांस पर अब कैमिकल और बायो अटैक का खतरा

पिछले सप्‍ताह पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद फ्रांस के प्रधानमंत्री मैनुएल वॉल्स ने कैमिकल और बायोलॉजिकल हमले के खतरे से आगाह किया है। फ्रांस में आपातकाल की अवधि बढ़ाने के मुद्दे पर देश के संसद में जारी बहस के दौरान वाल्‍स ने यह आशंका जताई।
अकादमिक दुनिया पर भी कट्टरपन के वायरस का खतरा

अकादमिक दुनिया पर भी कट्टरपन के वायरस का खतरा

असहमति और अभिव्यक्ति पर हो रहे हमलों के दौर में अकादमिक जगत पर मंडरा रहे खतरों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अंतररार्ष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने की खुलकर बात
असहमति का दमन आर्थिक विकास के लिए खतरा: मनमोहन सिंह

असहमति का दमन आर्थिक विकास के लिए खतरा: मनमोहन सिंह

असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुछ हिंसक अतिवादी समूहों द्वारा विचारों की स्वतंत्रता उल्लंघन की निंदा करते हुए कहा कि यह राष्ट्र पर आघात है। उन्होंने सचेत किया कि अगर एकता नहीं होगी और विविधता, धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है।