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Search Result : "दिलीप पांडे और दीपक बाजपेयी"

वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी प्रकाशन के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्स में ‘एथनोग्रफिक-हिस्ट्री-ऑफ-बुक्स बनाम कहानी-किताब-की’ कार्यक्रम हुआ। वक्ताओं में आशीष नंदी, मृणाल पांडे और अभय कुमार दूबे थे। कार्यक्रम की शुरुआत वाणी के निदेशक अरुण महेश्वरी ने की। यह कार्यक्रम वाणी प्रकाशन के इक्क्यावनवें स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था।
‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

लोगों में आज सफल होने की होड़ तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जानी मानी लेखिका अलका सरावगी ने कहा कि आज बाजार सबके लिए मूल्यबोध के पैमाने बनने के साथ साधन एवं साध्य बन गया है और ऐसे में लेखकों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।
एक शाम वतन की राह पर

एक शाम वतन की राह पर

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल सीपी और चर्चित बांसुरी वादक मुक्तेश चंद्र जी ने पहली बार देश भक्ति के गीतों पर अपनी बांसुरी की तान छेड़ी।
विवादों में एक और जूदेव

विवादों में एक और जूदेव

छत्तीसगढ़ के जशपुर राजघराने के जूदेव खानदान का विवादों से पूरा नाता रहा है। कभी भाजपा के पूर्व सांसद दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव कैमरे पर पैसे को खुदा के बराबर करार देते पकड़े गए थे और अब भाजपा के राज्यसभा सासंद रणविजय सिंह जूदेव के छोटे भाई विक्रमादित्य सिंह जूदेव की एक हरकत ने आखिर यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ के पिछले इलाकों में आज भी सामंतवादी ताकतें लोकतंत्र पर हावी हैं।