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Search Result : "दस वर्ष का बच्चा"

भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
हिरोशिमा पर परमाणु हमले के 70 वर्ष

हिरोशिमा पर परमाणु हमले के 70 वर्ष

जापान पर परमाणु बम हमले के 70 वर्ष पूरे होने पर स्मृति समारोह आयोजित किया गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है है कि वाशिंगटन के एक वरिष्ठतम अधिकारी समारोह में शिरकत कर रहे हैं।
14 वर्ष में सबसे अधिक निवेश मॉरीशस से

14 वर्ष में सबसे अधिक निवेश मॉरीशस से

पिछले 14 वर्षों के दौरान भारत में हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आंकड़े इन आरोपों को बल प्रदान करते हैं कि मॉरीशस के रास्ते भारत में काला धन सफेद करके वापस लाया जाता है। तभी तो देश में 2000 से 2014 के बीच कुल 238.63 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 35.38 प्रतिशत योगदान के साथ मॉरीशस सबसे आगे रहा है।
हिंदुओं के ध्रुवीकरण की तैयारी में संघ

हिंदुओं के ध्रुवीकरण की तैयारी में संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार के दूसरे घटक नए सिरे से हिंदुओं के ध्रुवीकरण की तैयारी में हैं। इसके लिए इस वर्ष बिक्रमी नववर्ष और चैत्र नवरात्रों का इस्तेमाल करने की योजना बन चुकी है।
यूपी बजट:  लैपटॉप वितरण के लिए 100 करोड़

यूपी बजट: लैपटॉप वितरण के लिए 100 करोड़

उत्तर प्रदेश सरकार ने खेती-किसानी और सड़क-बिजली-पानी को केन्द्रबिन्दु में लेते हुए वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश किया है। एक ओर बजट में अगले वित्त वर्ष को किसान वर्ष घोषित किया गया है तो दूसरी ओर मेट्रो रेल, लखनउ-आगरा ऐक्सप्रेस वे तथा बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी पर विशेष बल दिया गया है।
बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

कामकाजी महिलाओं में सबसे खराब स्थितियां मजदूर वर्ग की महिलाओं की हैं। उनके लिए न तो क्रेच व्यवस्था है और न वे मजदूरी के समय से समय निकाल अपने नवजात बच्चों को दूध पिला सकती हैं। कुपोषण के शिकार इनके बच्चों का सही विकास तक नहीं हो पाता है। बच्चे को दूध न पिला सकने का ऐसा ही एक मामला तेलंगाना में सामने आया है जिसमें ऐसा होने पर बच्चे की मौत हो गई है।
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