दलित मुद्दे पर विवादित बयान देकर घिरे केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के राज्यसभा में आने का आज विपक्षी सदस्यों ने जमकर विरोध किया। विपक्ष ने उन्हें सरकार से बर्खास्त करने की मांग की। हरियाणा में कुछ समय पहले दो दलित बच्चों की मौत के बाद उनके कुत्ते संबंधी बयान के कारण विपक्षी सदस्य उनसे सदन से जाने की मांग कर रहे थे।
धर्मनिरपेक्षता की धारणा पर कुछ हद तक सवाल खड़े करते हुए संविधान दिवस (26 नवंबर 2015) के आयोजन ने इस बहस को एक बार फिर से खड़ा कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उस दलील को दोहराया जिसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार अर्से से उठाता रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की विकृत परिभाषा का उपयोग समाज में तनाव उत्पन्न कर रहा है।
राहुल गांधी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए पिछले दिनों विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के दिए एक बयान का जिक्र किया। राहुल ने कहा, सरकार के एक मंत्री दलितों की तुलना कुत्ते से करते हैं और प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाए रखते हैं।
पाकिस्तान से महीने भर पहले भारत लौटी गीता के माता-पिता की तलाश जारी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि दो और परिवारों ने दावा किया है कि वे गीता के परिजन हैं। लेकिन इस मूक-बधिर लड़की ने इनमें से एक परिवार की तस्वीरें पहचानने से इंकार कर दिया है।
केंद्र सरकार की ओर से तैयार कराए जा रहे दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र में उसके दलित होने का जिक्र किया जा सकता है। इसके अलावा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को जाति व मूल निवास प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
चीन ने आज दशकों पुरानी एक बच्चे की अपनी विवादास्पद नीति को निरस्त कर दिया। अब चीन की सरकार के इस कदम से विश्व के सर्वाधिक आबादी वाले देश में सभी दंपतियों को दो बच्चे रखने की अनुमति मिल गई है।