केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने आज कहा कि वह उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं है। हालांकि सिन्हा को राज्य में मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है।
समाजवादी पार्टी भाजपा की ओर से सीएम चेहरा तय हो जाने के बाद विपक्ष के नेता का नाम तय करेगी। गुरुवार को पार्टी ने जीते हुए विधायकों के साथ बैठक में यह फैसला लिया। जीते हुए विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया है कि वे जिसे चाहेंगे उसे विपक्ष का नेता बनाए।
एन बीरेन सिंह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें इंफाल में राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने शपथ दिलाई। यह पहला मौका है जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी है। उनके साथ आठ अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू को भी भाग लेना था पर विमान के इंजन में आई गड़बड़ी के कारण उन्हें वापस दिल्ली लौटना पड़ा।
जम्मू-कश्मीर में उप-चुनाव से पहले मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विवादित सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून :अफ्सपा: का मुद्दा उछालते हुए कहा है कि कुछ इलाकों से अफ्सपा हटाकर इसका असर देखना चाहिए।
भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार शाम गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
भाजपा नेता बिप्लव देब सहित 17 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को आज गिरफ्तार कर बाद में रिहा कर दिया गया। वे लोग त्रिपुरा में सत्तारूढ़ माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा सदस्य की हत्या किए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि पार्टी के कुल 17,331 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को बुलेट ट्रेन के जरिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन साल का कार्यकाल गुजरने के बाद भी यह घोषणा जमीन पर नहीं उतरी है, ऐसे में केन्द्र को जल्दी करनी चाहिये, क्योंकि अगली बार उसे मौका नहीं मिलेगा।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने अपने छोटे बेटे और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की कार्यकर्ताओं की मांग का समर्थन किया है।
त्रिपुरा में बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। राज्यपाल तथागत रॉय ने सत्तारूढ़ वाम मोर्चा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार की ओर ओर से तैयार अपने भाषण के विवादित हिस्से को नहीं पढ़ा। इसमें केंद्र की नीतियों की कड़ी आलोचना की गई थी। विपक्षी तृणमूल कांग्रेस ने इस पर सदन में हंगामा किया।