पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा विधायक परगट सिंह और बैंस बंधुओं के साथ मिलकर बनाया गया ‘आवाज़-ए-पंजाब’ मोर्चा उस समय टूट गया जब बैंस बंधुओं ने ‘आप’ से गठबंधन करने का फैसला कर लिया।
शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसदों और मानवाधिकार संगठनों ने मुस्लिम-बहुल देशों से आए प्रवासियों की सूची तैयार करने की नीति को फिर से बहाल करने की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप की कथित योजना की आलोचना की है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर सैनिकों के हक में आवाज बुलंद की है। राहुल ने चिट्ठी में कहा है कि सेना के जवानों को वो सब कुछ मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर नायाब तोहफा दिया है। सरकार ने मंगलवार को जयप्रकाश नारायण डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया है। इसमें खास बात यह है कि इस लाइब्रेरी में घुसते ही सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की आवाज में जेपी के साहित्य और समाजवाद की जानकारी मिलेगी।
भाजपा से अलग होकर नया मोर्चा आवाज-ए-पंजाब बनाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह कोई पार्टी नहीं बनाएंगे। आवाज-ए-पंजाब कोई राजनैतिक दल नहीं है। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ फोरम तक सीमित रहेंगे और किसी के साथ भी गठबंधन के लिए उनके मोर्चा का दरवाजा खुला है। उनका कहना है कि जो भी पंजाब की बेहतरी के लिए आगे आएगा, वे उसके साथ जुड़ सकते हैं।
अपने राज्य पंजाब के लिए आखिरकार नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को चंडीगढ़ में खुलकर सामने आ ही गए। क्रिकेटर से राजनेता बनेे सिद्धू ने अपने राजनीतिक संगठन 'आवाज-ए-पंजाब' का औपचारिक एलान कर दिया। उन्होंने आवाज-ए-पंजाब को एक इंकलाबी संगठन बताया और कहा कि पंजाब की जनता सरकार बदलना चाहती है।
विवादास्पद नेता, खिलाड़ी, टी.वी. चैनलों में शायरी और चुटकुलों के गेस्ट आर्टिस्ट नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में 'आवाज ए पंजाब’ नाम से नया मोर्चा बन रहा है। लोकतंत्र में क्षेत्रीय हितों के लिए राजनीतिक दल बनते-विलय होते रहे हैं। यह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की कमजोरियों का ही प्रमाण है।
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब को एक नया राजनैतिक दल अगले सप्ताह देने जा रहे हैं। भाजपा से मुंह मोड़ने के बाद आप में शामिल होने की अटकलों के बीच सबकी नजरेंं तेज तर्रार नवजोत सिंह सिद्धू पर थी। और उन्होंने अपने फैसलों से हर बार की तरह बस बार भी चौंका दिया है। नवजोत पंजाब में नए राजनीतिक मोर्चे आवाज-ए-पंजाब का नेतृत्व करेंगे। पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।
इन दिनों न्याय के पहरेदारों न्यायाधीशों, वकीलों को सत्ताधारियों के समक्ष विभिन्न स्तरों पर आवाज पहुंचानी पड़ रही है। लोकतंत्र, राजतंत्र, सैन्य शासन या कम्युनिस्ट शासन में भी अंतिम दरवाजा न्यायालय का ही होता है।