गुजरात के अहमदाबाद में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सहयोग से लगी आयुर्वेद और प्राकृतिक उत्पाद प्रदर्शनी में राजनैतिक स्वास्थ्य की भी झलक देखने को मिल रही है। ऐन प्रवेश द्वार पर लगे पोस्टर में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) का चेहरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लगा हुआ है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि शायद दोनों के बीच की बर्फ पिघल रही है।
यह पढ़ कर आश्चर्य मत कीजिए, क्योंकि यह बिलकुल सच है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्पाद के प्रचार के लिए कोई अनुमति भी नहीं लेना है और बदले में सिर्फ 500 रुपये की रकम जुर्माने के तौर पर चुकाना है।
नोटबंदी के सरकार के फैसले के बीच भी निर्माण क्षेत्र की कंपनियां मेक इन इंडिया की पहल करते हुए एक मंच पर जुटने जा रही हैं। इसके लिए मुंबई में एक दिसंबर से आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में सभी कंपनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि उनके मंत्रालय ने तंबाकू क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को पूरी तरह प्रतिबंधित करने के एक प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के पास विचारार्थ भेजा है।
नोटबंदी के बाद लोगों के गैर-नकदी लेन-देन की ओर रूख करने के चलते डिजिटल मोबाइल भुगतान सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी पेटीएम से रोजाना 70 लाख सौदे होने लगे हैं जिनका मूल्य करीब 120 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
सरकार जल्द ही राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर उत्पाद जारी करने की तैयारी में है। इसका प्रारूप तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही सार्वजनिक कर संबंधित हितधारकों की राय ली जाएगी। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स मंत्री रविशंकर ने आर्थिक संपादक सम्मेलन के दौरान यह जानकारी दी।
सचमुच महान है भारत, हमारी सरकार और समाज। हर साल 10 लाख लोगों की मौत के रिकार्ड पर हम आंसुओं के साथ भाषण दे रहे हैं। बहुत बारीक अक्षरों में पैकेट पर चेतावनी दर्ज कर देते हैं, ताकि खानापूर्ति हो जाए। लेकिन करीब 30 करोड़ लोगों के तंबाकू के उपयोग से उत्पादक, विक्रेता की अंधाधुंध कमाई के साथ सरकार अपने खजाने में अच्छा-खासा टैक्स भर लेती है।