प्रख्यात लेखिका डॉक्टर सुनीता जैन के काव्य संग्रह क्षमा को साल 2015 के प्रतिष्ठित व्यास सम्मान के लिए चुना गया है। उनके इस कविता संग्रह का प्रकाशन साल 2008 में हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर चुप्पी तोड़ते हुए आज शोक व्यक्त किया हालांकि लखनऊ की बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में उनके संबोधन के दौरान कुछ छात्राों ने नारेबाजी की।
समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रतिवर्ष भेजने वाले सुपर-30 की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आएगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ. बीजू मेथ्यू सुपर-30 की सफलता पर करीब 250 पन्नों और छह से सात अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं, जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिए बाजार में आ जाएगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती पर निशाना साधते हुए उन पर डॉक्टर अंबेडकर के मिशन को कमजोर करने का आरोप लगाया। शिवपाल ने कहा कि अगर बाबा साहब इस वक्त होते तो बसपा मुखिया उन्हें भी पार्टी से निकाल देतीं।
मरीजों को डराकर कमाई करने का धंधा चिकित्सा क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। मरीज की स्थिति को गंभीरतम दिखाने के लिए कई बार फर्जी तरीकों का सहारा भी लिया जाता है। कॉरपोरेट अस्पतालों में लागू प्रदर्शन आधारित भुगतान की व्यवस्था से स्थिति बदतर हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की याद में 125 रूपये औैर 10 रूपये के स्मारक सिक्के जारी किए। आज बाबा साहेब अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस है। इस साल सरकार अंबेडकर की 125वीं जयंती भी मना रही है।
संविधान पर संसद में चल रही बहस में आज बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी हिस्सा लिया। राज्यसभा में मायावती ने संविधान पर चर्चा करते हुए आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की वकालत की है। मायावती के इस कदम को अगड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। संंविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाबासाहेब का योगदान न होता तो संविधान शायद सामाजिक दस्तावेज न बनता। यह एक कानूनी दस्तावेज ही रह जाता।