नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (आई एम) के साथ शांति समझौता अशांत उत्तर पूर्व के, खासकर मणिपुर के टंखुल नगा बहुल इलाके में जहां उपरोक्त गुट का आधार है, एक हिस्से में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसके बाद अभी बहुत-सी जटिलताएं और चुनौतियां बाकी हैं। एनएससीएन (आईएम) का जनाधार नगालैंड के पड़ाेसी राज्यों में ज्यादा होने की वजह से असम और मणिपुर के एक तबके में यह आशंका बलवती हो रही है कि उनके राज्य के नगा बहुल इलाकों की बाबत किस कीमत पर फैसला हुआ है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आज उत्तराखंड में राफ्टिंग कैंपों को अनुमति देने के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई के बाद फिलहाल इसकी इजाजत नहीं दी है। एनजीटी वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करने वाली एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
दो काव्य-संग्रह, नदी के पार नदी (2002), नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, मैं सड़क हूं (2011), बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित। देश की सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं,आलेख,समीक्षाएं प्रकाशित। कुछ संपादित संग्रहों में कविताओं का चयन। हिंदी समय, (महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) पर काव्य संग्रह' मैं सड़क हूं' की ई पुस्तक सहित कई कविताएं शामिल। कुछ कहानियां/लघु-कथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन/आकाशवाणी से कविताओं/कहानियों का प्रसारण।
नेपाल में चार प्रमुख राजनैतिक दलों नेपाली कांग्रेस, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले), नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम (डेमोक्रेटिक) के बीच 16 सूत्री समझौते पर सहमति के बाद शुरू हुई संविधान के प्रारूप की प्रक्रिया को दो विपरीत ध्रुवों का आक्रामक विरोध झेलना पड़ रहा है।
जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी नहीं करने को लेकर उत्पन्न विवाद के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है। यह समूह जाति के आधार पर आंकड़ों का वर्गीकरण करने के लिए बनाया गया है।
दिल्ली में क्रिकेट को साफ-सुथरा करने में जुटे एक पूर्व क्रिकेटर से जब आईपीएल की दो टीमों पर लगे प्रतिबंध और उनमें से एक टीम के मालिक और दूसरे के छद्म मालिक पर आजीवन क्रिकेटीय गतिविधियों में शामिल होने पर रोक के बारे में प्रतिक्रिया मांगी तो उनका तल्ख जवाब था, इससे क्या होगा, यहां तो पूरे कुएं में ही भांग घुली है।
एक चौथाई शताब्दी से भी ज्यादा समय से परेश बरुआ भारतीय सेना और पुलिस को चकमा देकर बचते आ रहे हैं। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ वेस्ट साउथ ईस्ट एशिया (युएनएलएफडब्ल्यूएसइए) के गठन में प्रमुख भूमिका निभानेवाले और अभी के समय भारतीय सेना के विरुद्ध आक्रामक रुख रखे हुए प्रतिबंधित संगठन उल्फा के सेनापति बरुआ का एनएससीएन(के) के अध्यक्ष एस.एस. खापलांग से घनिष्ठ संबंध है।
वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली जल्द ही सरकारी बैंकों के साथ बैठक कर उनमें हिस्सेदारी की बिक्री और बढ़ते एनपीए (बट्टे खाते में पड़ा धन) की समस्या पर चर्चा करेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, बैंक मुझसे मिलने आ रहे हैं। कुछ बैंक तात्कालिक मुद्दों के संबंध में मुझसे मुलाकात करने आ रहे हैं।