वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के लिये चार स्तरीय कर दरें तय करने के बाद आज केन्द्र और राज्यों के बीच विभिन्न करदाता इकाइयों पर अधिकार क्षेत्र को लेकर सहमति नहीं बन सकी।
अगले साल एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली लागू करने की दिशा में एक बड़ी बाधा आज दूर हो गई। जीएसटी परिषद ने जीएसटी के लिये 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्तरीय कर ढांचे को आज मंजूरी दे दी। इसमें खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं को शून्य कर दायरे में रखा गया है जबकि सामान्य उपभोग की ज्यादातर वस्तुओं पर पांच प्रतिशत कर लगाया जायेगा। इससे महंगाई को कम रखने में मदद मिलेगी। इसके विपरीत आलीशान कारों, तंबाकू, पान मसाला, पेय पदार्थों जैसी गैर-जरूरी वस्तुओं पर सबसे ऊंची दर से जीएसटी लगेगा। इन पर अतिरिक्त उपकर और स्वच्छ उर्जा उपकर भी लगेगा जिससे कुल मिलाकर इन पर कर की दर मौजूदा स्तर पर ही रहेगी।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर की कई दरें रखना घातक होगा और यह पुराने वैट को नए आकार में पेश करने के अलावा और कुछ नहीं होगा।
अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि चूंकि पाकिस्तान की ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने देश की धरती पर संचालित सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, ऐसे में यदि इन आतंकी नेटवर्कों को नष्ट करने के लिए अकेले कार्रवाई करने की जरूरत पड़ती है तो भी वह नहीं हिचकिचाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार के वैश्विक निवेशक सम्मेलन में चीन के नुमाइंदों को न्योता दिये जाने पर रुख स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सफाई दी और कहा कि इस कार्यक्रम में किसी चीनी कंपनी ने पूंजी निवेश का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रस्तावित चार स्तरीय ढांचे से आम आदमी प्रभावित हो सकता है। इस कर ढांचे के अमल में आने से आम आदमी की रसोई में काम आने वाले खाद्य तेल, मसाले और चिकन जैसा सामान महंगा हो सकता है। अप्रत्यक्ष कर के इस ढांचे में दूसरी तरफ कुछ टिकाऊ उपभोक्ता सामान जैसे टेलीविजन, एयर कंडीशनर्स, फ्रिज और वाशिंग मशीन आदि करों में कमी से सस्ते हो सकते हैं।
जीएसटी परिषद प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों पर यहां दो दिन चली बैठक में आमसहमति की ओर झुकाव के बावजूद फैसला नहीं कर सकी और इस पर निर्णय अगले महीने के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, केंद्र और राज्य विलासिता की वस्तुओं तथा अहितकर उत्पादों पर उच्चतम दर के साथ उस पर उपकर लगाने को लेकर सहमति की दिशा में बढ़ चुके हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की कल से तीन दिन की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो रही है जिसमें जीएसटी दर पर फैसला किया जाना है। अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में व्यापक बुनियादी सुधार के प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को एक अप्रैल 2017 से लागू करने का लक्ष्य है। जीएसटी परिषद इस बैठक में राज्यों को नयी प्रणाली में राजस्व हानि पर क्षतिपूर्ति के फार्मूले जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान तय करेगी।
भारत द्वारा पेरिस जलवायु संधि पर दस्तखत के चंद दिनों बाद शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में पर्यावरण की लिहाज से प्रतिकूल उत्पादों पर अन्य उत्पादों के मुकाबले अलग तरह का कर लगाया जाएगा। ऐसा कर जलवायु परिवर्तन से बचाव आदि से जुड़े कामों के लिए अधिक कोष जुटाया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: के लागू होने से मध्यम अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। बहुपक्षीय संगठन ने यह भी कहा है कि भारत ने सुधारों के मोर्चे पर प्रगति दिखायी है और इससे व्यापार निवेश में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।