मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि इस साल मानसून आमतौर पर तय मानी जाने वाली तारीख यानी एक जून से कुछ दिन पहले 28 मई से 30 मई के बीच केरल पहुंच जाएगा।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख शुजा पाशा ने माना है कि 2008 मुंबई हमले में उनके लोग शामिल थे। अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत हुसैन हक्कानी ने अपनी किताब इंडिया वर्सेस पाकिस्तान में इस बात का दावा किया है।
देश के 13 राज्य गंभीर सूखे के संकट से जूझ रहे हैं। देश में औसतन हर साल 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि कम हो रही है। पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि सूखे की समस्या के निपटारे के लिए दीर्घाकालीन पहल करने की जरूरत है।
सत्ताधारियों को तलवार लटकाना बहुत अच्छा लगता है। इसी तरह मीडिया का एक वर्ग सदा यह समझता रहा है कि वह सर्वशिक्तमान है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ सत्ता को बनाने-बिगाड़ने और देश की दशा तय करने का काम कर सकता है। यह दोनों प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था में अनुचित है।
पठानकोट आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में भारत आए पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) में वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक अधिकारी के शामिल होने का मुद्दा आज लोकसभा में उठा। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मामले को उठाते हुए सरकार से सवाल किया कि आईएसआई के एक अधिकारी को कैसे पठानकोट जाने दिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज भी भाजपा के निशाने पर रहीं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को उनसे अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में रिश्वत पाने वालों के नाम बताने को कहा। हालांकि कांग्रेस ने भाजपा के हमले पर पलटवार करते हुए कहा कि नाम को सामने लाना जांच एजेंसी का काम है।
उत्तर कोरिया द्वारा पांचवे परमाणु परीक्षण की तैयारी से जुड़ी खबरों के बीच अमेरिका ने ऐसे भड़काउ कृत्यों पर चिंता जाहिर की है। अमेरिका ने कहा है कि वह इस अलग-थलग पड़े देश को अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों के पालन को मजबूर करने के लिए उस पर दबाव बढ़ाना जारी रखेगा।
जापान इस साल के अंत तक नेताजी से संबंधित दो महत्वपूर्ण फाइलों को सार्वजनिक करेगा। हालांकि इसी तरह की तीन अन्य फाइलों के बारे में जापान सरकार ने कोई आश्वासन नहीं दिया है।
कुछ लोग यह सोच सकते हैं कि रंगों में क्या रखा है लेकिन तमिलनाडु में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख रंगों पर खासा ध्यान दे रहे हैं। इन दलों के लिए हरा और पीला रंग चुनावी मौसम के अहम रंग बन गए हैं।
स्वास्थ्य गड़बड़ होने पर मुंह का स्वाद बदल जाता है। इसी तरह भारत में मौसम के साथ महंगाई बढ़ने पर आम आदमी के दांत खट्टे भले ही न हों, दाल खट्टी और चीनी कड़वी लगने लगती है। एक तरफ किसानों को अनाज, तिलहन और गन्ने का सही दाम नहीं मिलता और कर्ज से तंग आकर लोग आत्महत्या करते हैं, दूसरी तरफ कालाबाजारी और सूदखोर दलाल एवं व्यापारियों का एक वर्ग मनमाने ढंग से मूल्य वसूलते हैं।