महाराष्ट्र में सरकार के किसी भी फैसले के खिलाफ कुछ भी बोलना मुश्किल होता जा रहा है। भाजपा-शिवसेना सहित तमाम दक्षिणपंथी संगठन और खुद राज्य सरकार उनके खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लेती है।
भारतीय जनता पार्टी अब जाट आरक्षण के मुददे पर दुविधा में दिखाई पड़ रही है। भले ही भाजपा यह कह रही हो कि जाट आरक्षण निरस्त करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। लेकिन पार्टी के ही कुछ सांसद जाटों को आरक्षण दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
नौ राज्यों में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में शामिल कर उन्हें आरक्षण का लाभ देने संबंधी संप्रग सरकार की 2014 की अधिसूचना निरस्त करने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिये केन्द्र ने याचिका दायर की है।
पिछले दो महीने में दो अलग-अलग न्यायालयों ने आरक्षण को लेकर एक ही बात कही है। दोनों ही बार कोर्ट ने आरक्षण नीति जारी रखने को उचित कहा है लेकिन यह भी कहा है कि आरक्षण नीति में बदलाव, बल्कि इस पर सतत चिंतन की जरूरत है। यह राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मसला तो है लेकिन इस पर जो राजनीति होती रही है, उससे नीति का मकसद पूरा नहीं हो रहा है। वैसे, राजनीतिक दल इसे लेकर रोटी सेंकने की जब भी कोशिश करते हैं, उनके हाथ में फफोले ही पड़े हैं। यह तो सब जानते ही हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार लौटकर सत्ता में नहीं आई।
भारतीय जनता पार्टी ने एक समय बड़े ही जोर-शोर से महिला आरक्षण की वकालत की थी और कहा था कि भले ही सरकार महिलाओं को आरक्षण ने दे लेकिन पार्टी संगठन में आरक्षण देकर मिशाल पेश करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जाटों के आरक्षण संबंधी मामले में हल खोजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि जाटों के आरक्षण को समाप्त करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्णय का उनकी सरकार अध्ययन कर रही है और कानूनी ढांचे के तहत इसका समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी।
जबलपुर पुलिस ने एक चर्च और एक अन्य धार्मिक परिसर में तोड़फोड़ करने के आरोप में छह व्यक्तियों को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ईशा पंत ने एजेंसी भाषा को बताया कि पुलिस ने एक कैथोलिक स्कूल और धार्मिक परिसर में तोड़फोड़ करने के आरोप में छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में जाटों को दिए जाने वाले आरक्षण को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को गलत करार दिया है जिसमें नौ राज्यों में जाटों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिया गया है।
हिन्दूवादी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी कार्यक्रम का मुद्दा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी 20 मार्च से जयपुर में होने वाली तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से उठने की प्रबल सम्भावना है।