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कानून के छात्र संविधान ठीक से पढ़ें, लोकतांत्रिक प्रकिया को समझें: राष्ट्रपति

कानून के छात्र संविधान ठीक से पढ़ें, लोकतांत्रिक प्रकिया को समझें: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कानून के छात्रों से संविधान का ठीक से अध्ययन करने की अपील करते हुए रविवार को उनसे कहा कि वे शासन और राज्य से जुड़े सभी मामलों में भागीदारी कर उन परिवर्तनों का माध्यम बनें, जो वे चाहते हैं।
राष्ट्र द्रोह बनाम राष्ट्र प्रेम

राष्ट्र द्रोह बनाम राष्ट्र प्रेम

राष्ट्र द्रोह का कानून नया नहीं है। ब्रिटिश राज में भी यही कानून लागू था। आजादी के बाद संविधान निर्माता स्वयं राष्ट्र को समर्पित थे और उन्होंने भारत के विरूद्ध किसी तरह के षडयंत्र और गतिविधि को रोकने एवं कड़ी सजा के प्रावधान कर दिए।
अल्‍पसंख्‍यक दर्जा : एएमयू ने कहा, केंद्र के बदले स्‍टैंड के पीछे राजनीति

अल्‍पसंख्‍यक दर्जा : एएमयू ने कहा, केंद्र के बदले स्‍टैंड के पीछे राजनीति

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने अल्‍पसंख्‍यक मामले में जो स्टैंड बदला है, उसके पीछे राजनीतिक विचारधारा मुख्‍य वजह है। विश्वविद्यालय के मुताबिक, केंद्र का फैसला तर्कसंगत नहीं है, अनुचित है और राजनीतिक वजहों से लिया गया है।
आजादी के रास्ते में फूल-पत्‍थर

आजादी के रास्ते में फूल-पत्‍थर

दुनिया का हर रास्ता पहले थोड़ा उबड़-खाबड़, कहीं पत्‍थर, कहीं धूल, आसपास कहीं पेड़-फूल-पत्ते, दूर या पास पानी या पहाड़ से ही मंजिल की ओर ले जाता है। सोमवार को हम 70वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मना रहे हैं।
पाकिस्तान के कराची में हिन्दू डॉक्टर की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान के कराची में हिन्दू डॉक्टर की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में 56 वर्षीय एक हिन्दू डॉक्टर की उनके क्लिनिक के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस हत्या को धर्म से प्रेरित हत्या के रूप में देखा जा रहा है।
रोहित वेमुला ने भेदभाव के कारण ही की थी आत्महत्याः एनसीएससी

रोहित वेमुला ने भेदभाव के कारण ही की थी आत्महत्याः एनसीएससी

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने अपनी जांच में पाया है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला ने भेदभाव के कारण ही आत्महत्या की थी। यही वजह है कि आयोग शैक्षणिक संस्थानों में भेदभाव और अत्याचार रोकने के लिए अलग कानून चाहता है।
पी.एम. बनना-बनाना कठिन

पी.एम. बनना-बनाना कठिन

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि ‘लालकृष्‍ण आडवाणी देश के प्रधानमंत्री बन सकते थे। लेकिन जब समय आया, तो उन्होंने इस पद के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का नाम आगे कर दिया।’ स्वामीजी ने 32 वर्षों तक आडवाणी के सहायक रहे विश्वंभर श्रीवास्तव की आत्मकथा जैसी पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में यह बात कही।
ये बातें मानी तो टाल सकते हैं स्ट्रोक को

ये बातें मानी तो टाल सकते हैं स्ट्रोक को

चलता-फिरता आदमी अचानक गिर जाए और उसके शरीर के किसी खास अंग को लकवा मार जाए या फिर उसकी बोली चली जाए या उसकी याद्दाश्त गुम हो जाए और कई बार मरीज की मौत हो जाए तो ऐसे मामलों में सबसे बड़ी आशंका दिमागी स्ट्रोक का शिकार होने की होती है। इसमें दिमाग के किसी खास हिस्से में खून के थक्के बन जाते हैं और उसके कारण उस खास हिस्से से संचालित होने वाले शरीर के अंग अचानक काम करना बंद कर देते हैं।
शिवसेना ने कसा तंज : नेहरू और इंदिरा के मंत्री मोदी के मंत्रियों से कहीं बेहतर

शिवसेना ने कसा तंज : नेहरू और इंदिरा के मंत्री मोदी के मंत्रियों से कहीं बेहतर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार और उसमें फेरबदल के एक दिन बाद राजग की सहयोगी शिवसेना ने बुधवार को भाजपा पर कटाक्ष किया कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडलों में काम करने वाले लोगों की तरह क्षमतावान लोगों को खोजना इन दिनों बहुत मुश्किल है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच सही नहीं हुई- अमित शाह

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच सही नहीं हुई- अमित शाह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच सही तरीके से होती तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाता। शाह ने कहा कि जिस अमानवीय तरीके से उन्हें कालकोठरी में कैद कर लिया गया जहां रहस्यमय परिस्थितियों में उनका असमय ही निधन हो गया। इसकी जांच सही तरीके से हाेनी चाहिए थी।
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