बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के भरोसेमंद सतीश चंद्र मिश्रा के नाम पर मुहर लगाई है।
दुनिया के सौ सबसे प्रदूषित शहरों में 30 भारतीय शहरों को शामिल करने पर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रदूषण पर आधारित ताजा रिपोर्ट को भ्रामक करार दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि भारत जल्द ही अमेरिका और यूरोप के बड़े शहरों के वायु प्रदूषण के आंकड़े जारी करेगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने एक दफा फिर से पानी का मुद्दा छेड़ दिया है। उन्होंने दावा किया कि पंजाब के पास किसी भी राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। यहां तक कि पानी की एक बूंद भी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह याद रखा जाए कि राज्य की नदियों के जल की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक बलिदान करने को तैयार हैं।
जापान इस साल के अंत तक नेताजी से संबंधित दो महत्वपूर्ण फाइलों को सार्वजनिक करेगा। हालांकि इसी तरह की तीन अन्य फाइलों के बारे में जापान सरकार ने कोई आश्वासन नहीं दिया है।
मध्य दिल्ली में फिक्की की इमारत में स्थित राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में बीती देर रात लगी भीषण आग ने संग्रहालय को नष्ट कर दिया और वहां रखी जानवरों की खाल से बनाए गए उनके प्रतिरूप जैसी कई प्रदर्शनीय वस्तुएं जलकर खाक हो गईं।
उत्तराखंड में मचे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने खरीद-फरोख्त की कोशिश करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की है। हालांकि बागी विधायकों और विपक्षी भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए रावत ने स्टिंग को झूठा करार दिया है।
प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
अपनी पुरानी फिल्म को झाड़-पोंछ कर दर्शकों के लिए फिर नया और देखने लायक कैसे बनाया जाता है यह तो प्रकाश झा से सीखा ही जाना चाहिए। शायद यही कारण है कि अपनी सफल फिल्म गंगाजल को झा ने जय गंगाजल नाम से फिर बना दिया।