बसपा से दो बार सांसद रह चुके ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। अगले साल होने वाले विधानसभा से पहले पाठक का पार्टी छोड़ना बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को लखनऊ में कांग्रेस की 27 साल यूपी बेहाल यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने पिछले 27 सालों के दौरान प्रदेश की सरकार में रहने वाली पार्टियों भाजपा, बसपा और सपा पर देश को एकजुटता के सूत्र में पिरोने वाले महात्मा गांधी की विरासत के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपिता के एकता के सिद्धांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जनता के सामने रखकर वोट मांगेगी।
पंजाब में मादक पदार्थों के अवैध धंधे का सत्ता की राजनीति पर गहरा असर है। यह दोष केवल वर्तमान सत्तारूढ़ दल और सरकार का नहीं है। लगभग तीन दशकों के दौरान जहर की तस्करी और उससे होने वाली अवैध कमाई ने संपूर्ण व्यवस्था को तबाह किया। पंजाब-हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह शराब के ठेकों से सरकारी खजाने में बड़ी आमदनी होती है। खजाना भरने के लिए ठेके और शराब की खपत बढ़ती गई। हरियाणा की स्थापना के बाद पहले तो पर्यटन स्थलों पर सरकार ने ही पब और राजमार्गों पर शराब के ठेकों को बढ़ावा दिया। फिर अति उत्साही आदर्शवादी कहलाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी लागू की। लेकिन जल्द ही अवैध धंधे, जहरीली शराब से लोगों के मरने की नौबत आने पर सरकार ने फैसला बदल दिया।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक मामले में जो स्टैंड बदला है, उसके पीछे राजनीतिक विचारधारा मुख्य वजह है। विश्वविद्यालय के मुताबिक, केंद्र का फैसला तर्कसंगत नहीं है, अनुचित है और राजनीतिक वजहों से लिया गया है।
कभी भाजपा की फायर ब्रांड नेता रहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती हमेशा भीड़ से घिरी रहती थीं। जहां जातीं समर्थकों का हुजूम उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ता था। लेकिन आज स्थिति बिल्कुल उलट गई है। उमा भारती अब हर जगह अकेली दिखाई देती हैं। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद आगे पीछे रहने वाले समर्थक नदारद हैं। और तो और देश के किसी हिस्से में पहुंचने पर स्वागत के लिए समर्थकों का जो हुजूम उमड़ पड़ता था आज वह भी कहीं दिखाई नहीं देता।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।
मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) हटाने के लिए पिछले 16 साल से संघर्षरत र्इरोम शर्मिला चानू ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया। इंफाल की अदालत में इरोम द्वारा अनशन तोड़ने की सूचना देने के बाद उन्हें जमानत दे दी।
देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाय पर बोले। अपने टाउनहॉल कार्यक्रम में डेढ़ घंटे के संबोधन के आखिरी वक्त में उन्होंने गाय पर चुप्पी तोड़ी। गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी की बात कही लेकिन हिंदू महासभा पीएम के बयान के खिलाफ खड़ी हो गई है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति का यही चरित्र है। एक ज़माने से यहां राजनीतिक उठापटक नकारात्मक मुद्दों पर ही होती आ रही है। दल कोई भी हो, मौक़ा कोई नहीं चूकता। बुलंदशहर में मां-बेटी के साथी हुआ सामूहिक दुष्कर्म भी अब इसी श्रेणी में आ खड़ा हुआ है।