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प्रशांत भूषण ने अब आशीष खेतान पर मढ़ा आरोप

प्रशांत भूषण ने अब आशीष खेतान पर मढ़ा आरोप

आम आदमी पार्टी के बागी नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी के शीर्ष नेता आशीष खेतान पर आरोप लगाया है कि वह 2जी घोटाले में फंसी एस्सार कंपनी के बचाव में तहलका में लेख लिखा।
अडानी-मोदीः तू जहां-जहां चलेगा....

अडानी-मोदीः तू जहां-जहां चलेगा....

विदेशी दौरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उद्योगपति गौतम अडानी को अक्सर देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर किस प्रकार लोग इसपर चुटकियां ले रहे हैं।
केकेआर ने किया जीत से आगाज, मुंबई को सात विकेट से हराया

केकेआर ने किया जीत से आगाज, मुंबई को सात विकेट से हराया

कप्तान गौतम गंभीर के अर्धशतक और युवा बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव की तेजतर्रार पारी से मौजूदा चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स ने यहां मुंबई इंडियन्स को सात विकेट से हराकर आईपीएल आठ के अपने अभियान की जोरदार शुरूआत की।
रागगिरी का संगीत दूर करेगा लोगों का दुख

रागगिरी का संगीत दूर करेगा लोगों का दुख

नकारात्मक नहीं हो सकता, संगीत के ‘हीलिंग टच’ को ध्यान में रखकर म्यूजिकल हेरीटेज ने अपनी नई मुहिम ‘रागगिरी’ की शुरूआत की। ‘रागगिरी’ का मकसद देश के अलग अलग शहरों में बसे उन लोगों तक संगीत को पहुंचाना है, जो किन्हीं वजहों से समाज की मुख्यधारा से कटे हुए हैं। संगीत के ‘हीलिंग टच’ को ध्यान में रखकर ‘रागगिरी’ की शुरूआत की गई है।
मयंक को आप गुट से बेइज्जती का खौफ

मयंक को आप गुट से बेइज्जती का खौफ

आप का एक गुट योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को इतना अपमानित करना चाहता था कि वे पार्टी छोड़कर चले जाएं लेकिन उन्होंने ऐसा न कर उस गुट के इरादों पर पानी फेर दिया। अब वही गुट मुझे भी अपमानित करने पर उतारू है। यह कहना है कि आप नेता मयंक गांधी का। उन्होंने एक और ब्लॉग लिखकर अपनी बात कही है।
'आप’  मत बनो वे

'आप’ मत बनो वे

क्या मनोविज्ञान का पीटर सिद्धांत व्यक्तियों की तरह संगठनों और राजनैतिक दलों पर भी लागू होता है? पीटर सिद्धांत के अनुसार कोई व्यक्ति अपनी अक्षमता की हद तक ही तरक्की करता है। यानी दक्षता की उस सीमा तक तरक्की जहां से संबद्ध व्यक्ति की अक्षमता का प्रदेश शुरू होता है। अभी तक पीटर सिद्धांत का जिक्र सिर्फ व्यक्ति के संदर्भ में होता था।
बदलापुर : दर्शकों से बदला क्यों

बदलापुर : दर्शकों से बदला क्यों

बदलापर फिल्म से इतन तो साफ है कि भारत में आजकल फिल्में सिर्फ बनने के लिए ही बन रही है। दर्शकों के लिए उसमें कुछ तथ्य होना चाहिए इस पर सोचना शायद निर्माता-निर्देशक बंद कर चुके हैं। कुछ ट्विस्ट एंड टर्न देकर लगता है एक फिल्म में बस यही होना काफी है।
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