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Search Result : "गुजरात राजनीति"

प्रवासी पक्षी , सियासी दाने

प्रवासी पक्षी , सियासी दाने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र में सत्ता संभालने के बाद से प्रवासी भारतीयों पर खास ध्यान रखे हुए हैं। इसकी झलक सात से नौ जनवरी तक गुजरात के गांधीनगर में हुए भव्य प्रवासी सम्मेलन में दिखाई दी। घोषणाएं तो खूब हुईं लेकिन इसके जवाब में प्रवासी निवेश कितना आएगा, इसे लेकर दुविधा ज्यों की-त्यों बरकरार है।
जनगणना पर राजनीति

जनगणना पर राजनीति

जितने मुंह उतने बच्चेः जनसंख्या के संप्रदाय आधारित आंकड़ों को लेकर माहौल गरमाने की कोशिश, परिवार नियोजन के नीतिगत लष्यों को दी जा रही चुनौती
रजनी कोठारी: लोकतंत्र के क्रांतिकारी संदेशवाहक

रजनी कोठारी: लोकतंत्र के क्रांतिकारी संदेशवाहक

आज जब अच्छे दिनों को तरह-तरह के अतिवादी तरीकों से परिभाषित किया जा रहा है। तब रजनी कोठारी की कमी बहुत खलती है। अस्वस्थता, जीवन साथी के न रहने और छह साल पहले बेटे स्मितु कोठारी के न रहने से वह पिछले एक दशक से कुछ नहीं लिख पा रहे थे। लेकिन उनका किया और लिखा इतना है कि कोई भी नई पहल लेने वाला समूह उसमें से अपने लिए पर्याप्त दिशा संकेत खोज सकते हैं।
ओबामा की तरह भाषण देते नजर आए नरेंद्र मोदी

ओबामा की तरह भाषण देते नजर आए नरेंद्र मोदी

गांधी नगर के महात्मा गांधी मंदिर के विशाल सभागार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अंग्रेजी में अपना लिखा हुआ भाषण शब्दशह पढ़ रहे थे हर कोई अचंभा में था।
चुनाव के जरिए छात्रों को जोडऩे की पहल

चुनाव के जरिए छात्रों को जोडऩे की पहल

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर छात्र राजनीति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
युवाओं को भ्रमित कर रहे मोदी- ‌शिवपाल सिंह यादव

युवाओं को भ्रमित कर रहे मोदी- ‌शिवपाल सिंह यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव ने प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर सियासी हलकों में सरगर्मी तेज कर दी।
बिन मांगे समर्थन

बिन मांगे समर्थन

महाराष्टï्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद राष्टï्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को बिना मांगे ही समर्थन दे दिया। लोग राकांपा के इस फैसले से भौंचक थे।
भारतीय राजनीति का बदलता चेहरा

भारतीय राजनीति का बदलता चेहरा

भारतीय राजनीति में पिछले दस-बारह वर्षों में भारी परिवर्तन आया है। मनमोहन सिंह ने अपने वित्त मंत्रीत्व काल में जिस नयी आर्थिक नीति की शुरुआत किया था उसका चक्र उनके प्रधानमंत्रित्व काल में लगभग खत्म हो गया। इन वर्षों में राजनीतिक व्यवस्था के आधारभूत दार्शनिक सिद्वांतों में भारी बदलाव आया।
वाजपेयी से मोदी तक हिन्दुत्व का सफर

वाजपेयी से मोदी तक हिन्दुत्व का सफर

बीते बारह सालों में भारतीय राजनीति में बड़ा उतार-चढ़ाव रहा है। साल 2002 की अगर बात करें तो केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
राजनीति की उलटी चाल

राजनीति की उलटी चाल

अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में सीटें भले ही 28 जीती और बहुमत से 8 सीटें कम रह गई मगर प्रचार के साफ-सुथरे और गैरपरंपरागत तरीके अपनाकर महज एक साल पुरानी इस पार्टी ने 15 वर्षों से मजबूती से दिल्ली में जमी शीला दीक्षित सरकार का तंबू तो उखाड़ा, इस भ्रम को भी तोड़ दिया कि पूरे देश में नरेंद्र मोदी की लहर चल रही है।
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