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राष्ट्रपति पद की दावेदारी से दूर होते जा रहे हैं बॉबी जिंदल

राष्ट्रपति पद की दावेदारी से दूर होते जा रहे हैं बॉबी जिंदल

राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के आकांक्षी भारतीय अमेरिकी बॉबी जिंदल हाल के एक सर्वेक्षण में न्यूनतम ढाई फीसदी समर्थन जुटाने में विफल रहे हैं। इसके कारण जिंदल को रिपब्लिकन पार्टी की अगली राष्ट्रीय बहस से हटना पड़ेगा। इसके स्थान पर अब जिंदल (44) कम समर्थन प्राप्त करने वाले तीन अन्य उम्मीदवारों से मुकाबला करेंगे जिसे जूनियर यूनिवर्सिटी बहस कहा जाता है।
धोनी ने खराब फार्म से जूझ रहे रैना का बचाव किया

धोनी ने खराब फार्म से जूझ रहे रैना का बचाव किया

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा एक दिवसीय क्रिकेट श्रृंखला में खराब फार्म से जूझ रहे सुरेश रैना का बचाव करते हुए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उसे बड़े शाट्स खेलने से पहले क्रीज पर खुद को थोड़ा समय देने की सलाह दी है।
नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत-नेपाल के रिश्तों में जो तल्खी आई है उसे एक बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहिए। उपाध्याय के मुताबिक दोनों देशों के बीच जिस प्रकार के करीबी रिश्ते हैं उसकी तुलना किसी भी दूसरे देश के साथ नहीं की जा सकती। लेकिन इसके उलट नेपाल में नए संविधान का विरोध कर रहे सोशल रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रामबाबू राय कहते हैं कि रिश्ते खराब करने की शुरूआत किसने की है, इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
क्या राहुल में संभावनाएं देख रहे हैं कॉरपोरेट

क्या राहुल में संभावनाएं देख रहे हैं कॉरपोरेट

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अम‌ेरिका के कोलेरेडो स्थित एस्पेन इंस्टीट्यूट में एक वैश्विक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने की जानकारी कांग्रेस पार्टी की ओर से मीडिया को दी गई है। राहुल गांधी के साथ इस कॉन्फ्रेंस में एक कांग्रेस के एक और युवा नेता मिलिंद देवड़ा भी शिरकत कर रहे हैं और खुद देवड़ा ने इससे जुड़ी तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं। यहां सवाल यह पूछा जा रहा है कि आखिर यह कौन सी कॉन्फ्रेंस है जिसमें दुनिया की इतनी दिग्गज हस्तियां और कई देश के राष्ट्राध्यक्ष, नीति नियंता आदि शिरकत कर रहे हैं।
उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
शर्मिंदा कर रहे हैं सोमनाथ, सरेंडर करें: केजरीवाल

शर्मिंदा कर रहे हैं सोमनाथ, सरेंडर करें: केजरीवाल

आप विधायक सोमनाथ भारती को कड़ा संदेश देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं और उन्हें आत्मसमर्पण कर पुलिस के साथ सहयोग करना चाहिए।
मोदी अपने पतन की पटकथा लिख रहे हैं: राहुल

मोदी अपने पतन की पटकथा लिख रहे हैं: राहुल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर हमला बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने पतन की पटकथा स्वयं ही लिख रहे हैं क्योंकि वह लोगों से किया वादा पूरा करने में असफल रहे हैं।
डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।
अनशन कर रहे सात पूर्व फौजी अस्पताल में भर्ती

अनशन कर रहे सात पूर्व फौजी अस्पताल में भर्ती

मेजर जनरल (रिटायर्ड) मोहन सिंह की फौज में सर्विस को महज नौ साल हुए थे। वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में उन्हें एक अहम जिम्मेदारी दी गई। गुरदासपुर की सरहद पर लगते पाकिस्तान में एक पुल था जिसके जरिये पाक सैनिक गुरदासपुर होते हुए पठानकोट के जरिये कश्मीर को भारत से काट देना चाहते थे। उस पुल को नेस्तेनाबूद करने की जिम्मेदारी मेजर मोहन सिंह को दी गई। वह बताते हैं कि ‘ मेरे साथ दस सैनिक और थे। हमने पूरी रात लेट लेट कर सड़क पर बारूद बिछाया। खड़े होते तो सीमा पार से फायरिंग होती। हमारे जिंदा वापस आने की उम्मीद सिर्फ 30 फीसदी थी। मुझे मेरी पत्नी और बच्चों का जरा सा ख्याल नहीं आया, खयाल था तो बस उस पुल को मिटा देने का। हमने इस मिशन पर फतह हासिल की। ’ मेजर मोहन सिंह के अनुसार फौज इस देश के लिए क्या करती है यह बात उन लोगों को शायद पता ही नहीं जिन्होंने हमारी वन रैंक-वन पेंशन की मांग पर फैसला लेना है। वह कहते हैं ‘जिस देश में फौज की इज्जत नहीं होती उसे टुकड़ों में बंटने से कोई नहीं रोक सकता। अगर इन सालों में हमारी पाकिस्तान से लड़ाई नहीं हुई है तो इसका कारण भारत की फौज का मजबूत होना है लेकिन सरकार के रवैये से फौज का हौसला गिरता जा रहा है।