जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कश्मीर के दिल के दर्द की बात की जिसे तुरंत दूर करने की जरूरत है ताकि राज्य के युवा फले-फुले और देश की तरक्की में योगदान करें।
टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी के अपने घर में मृत पाए जाने के दो दिन बाद आज उनके बाॅयफ्रेंड राहुल राज सिंह को पुलिस की पूछताछ के दौरान सांस लेने में दिक्कत होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रत्यूषा की कथित खुदकुशी के मामले में पुलिस उससे दूसरे दिन पूछताछ कर रही थी।
दिल्ली के आरके पुरम की झुग्गियों में रहने वाले फिरत ने पांच साल पहले इस उक्वमीद से राजीव आवास योजना के लिए आवेदन किया कि उसे रहने लिए एक घर मिल जाएगा। इसी तरह का दर्द कल्याणपुरी की झुग्गियों में रहने वाले महेश कुमार का है। यह दर्द केवल फिरत और महेश का ही दर्द नहीं है बल्कि दिल्ली के उन 16 लाख से अधिक उन आवेदकों का दर्द है जिनसे आवास के नाम पर पैसा तो जमा करा लिया गया लेकिन न तो ड्रा निकला और न ही आवंटन हुआ।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि जो भी व्यक्ति या संगठन भारत को दर्द देगा, उसे उसी तरह का दर्द देना चाहिए लेकिन यह कैसे, कब और कहां होगा, वह भारत की पसंद के अनुरूप होना चाहिए। रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी पठानकोठ आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सामने आई है।
भारत में 2012 में किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक गरीब आबादी थी पर देश की जनसंख्या में प्रति सैकड़ा गरीबों का औसत बड़ी गरीबी वाले देशों के बीच सबसे कम है। यह बात विश्व बैंक की ताजा रपट में कही। रपट के मुताबिक 2015 में विश्व में निपट गरीबों का औसत घटकर 10 प्रतिशत से नीचे आ सकता है।
मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमले के इल्जाम से बरी हुए मुफ्ती अब्दुल कयूम ने अपने दर्द को किताब के जरिए बताया है। '11 साल जेल में' शीर्षक से लिखी गई इस किताब में कयूम ने पुलिस प्रताड़ना से लेकर सामाजिक बुराइयों के बारे में विस्तार से लिखा है।
उत्तर प्रदेश में गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाएं कैसे गरीबों का मजाक बनाती हैं उसकी एक बानगी भर है समाजवादी आवास योजना। पूरे जोर-शोर से शुरू की गई समाजवादी आवास योजना के तहत सिर पर छत पाने के लिए गरीबों को 34 हजार रुपये की मासिक किस्त देनी होगी।
जंतर-मंतर पर आज उत्तर भारत के कई राज्यों से आए पुरुषों ने प्रदर्शन किया। सेव मैन्स राइट्स एसोसिएशन (समरा) के बैनर तले किया गया यह प्रदर्शन एक अलग तरह का प्रदर्शन था। इसमें दहेज की धारा 498-ए और घरेलू हिंसा संबंधी कानून की धारा के तहत विवाहित लड़की वालों द्वारा सताए गए पुरुषों ने मांग की है कि पुरुषों के लिए भी एक पुरुष आयोग बनाया जाए। यहां आए कानून के जानकार पुरुषों ने कानून में दर्ज उन धाराओं के बारे में भी बताया जो लड़के वालों को भी कुछ अधिकार देती हैं।
केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को नकद भुगतान में तब्दील करने के लिए बड़ी खामोशी से कदम उठा रही है। सर्वोच्च न्यायालय के आधार पर जो फैसला दिया था, उसे धता बताते हुए इस सुविधा को 100 फीसदी आधार कार्ड से जोड़ने जा रही है।