उच्चतम न्यायालय ने एक कांग्रेस नेता की ओर से दाखिल उस जनहित याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसमें हाल ही में पारित किशोर कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। हाल में पारित किशोर कानून में प्रावधान किया गया है कि यदि 16 साल और उससे ज्यादा उम्र के किशारों पर बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध के आरोप लगते हैं तो उन पर वयस्कों पर लागू होने वाली धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
नई फिल्म जुबान के विकी कौशल ने जुबान की संगीत पार्टी में सैनिकों के लिए गाने गाए। इस फिल्म में विकी कौशल एक गायक का किरदार निभाते नजर आएंगे। विकी पहले मसान फिल्म से दर्शकों-समीक्षकों का दिल जीत चुके हैं।
प्रचार मास्टर प्रशांत किशोर बिहार सरकार के सलाहकार नियुक्त हो गए। कोई चुनाव लड़े बिना कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सफलता का ताज अपने सिर पर पहन कर प्रशांत किशोर ने पाटलीपुत्र में भी अशोक चक्र का तमगा प्राप्त कर लिया।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सलाहकार नियुक्त किया गया है।
बच्चों को अपराध से रोकने के साथ-साथ उन पर होने वाले जुल्म से बचाने के लिए किशोर न्याय अधिनियम लागू हो गया है। इसके तहत बच्चों से मारपीट करने पर अभिभावक को भी सजा का प्रावधान है।
कभी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के बेहद करीबी रहे पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर भाजपा में शामिल हो गए। शुक्रवार को जुगल किशोर ने बाकायदा भाजपा के प्रति आस्था जताते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
‘पंजाब में आम आदमी पार्टी कांग्रेस की बी टीम है। दोनों पार्टियां मिलकर अकाली दल के मूल वोटबैंक में सेंध लगा रही हैं। दोनों ही राज्य में राष्ट्र विरोधी पार्टी के तौर पर काम कर रही हैं।‘ यह कहना है केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर का। आउटलुक हिंदी से बातचीत में उन्होंने यह बातें कहीं। गौरतलब है कि हरसिमरत कौर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। पंजाब में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीते दिनों राजनीतिक तौर पर भी पंजाब सुर्खियों में रहा है। इसी संदर्भ में हरसिमरत कौर का कहना है कि चुनावों के मद्देनजर अकाली दल को बदनाम करने की साजिशें रची जा रही हैं।
असंतोष और टकराव का लाल गलियारा बेहद लंबा है। आज राज्य के अर्द्ध सैन्य बल और प्रतिरोधी आदिवासी आमने-सामने हैं। आखिर क्यों है ऐसा? समाज विज्ञानी, लेखक और पत्रकार रामशरण जोशी इस ‘क्यों’ की पड़ताल अपनी नई पुस्तक ‘यादों का लाल गलियारा-दंतेवाड़ा’ में करते हैं।
आक्रोश और उन्माद हिंसा दे सकते हैं, न्याय नहीं, राज्यसभा में किशोर न्याय (बाल देखरेख एवं संरक्षण) विधेयक-2015 के पारित होने से यही बात फिर से साबित हुई है। उंन्मादित जनता बस 16 दिसंबर 2012 सामूहिक बलात्कार (निर्भया) के किशोर अपराधी का खून मांगने निकली थी, सरकार ने उसके दामन में देश भर के बच्चों को अपराधी बनाने का दाग भर दिया। जी हां, किशोर न्याय विधेयक का बर्बर बलात्कार और हत्यायों से कोई खास रिश्ता नहीं है। यह विधेयक किसी भी ‘जघन्य’ अपराध के आरोपी किशोरों के साथ व्यस्क अपराधियों सरीखा व्यवहार करने, उन पर वयस्क अदालतों में मुकदमा चलाने और उन्हें वयस्कों के लिए बनी जेल में भेजने का रास्ता खोलता है।