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Search Result : "कैंसर उपचार सहायता"

हर वर्ष स्तन कैंसर के एक लाख नए मामले

हर वर्ष स्तन कैंसर के एक लाख नए मामले

तनावपूर्ण और अनियमित जीवनशैली, बच्चों को स्तनपान नहीं करवाना, धूम्रपान और प्रदूषण महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक देश में स्थिति पहले ही काफी खराब है। भारत में हर साल स्तन कैंसर के एक लाख नए मामले सामने आ रहे हैं और चिकित्सकों का मानना है कि बदलती जीवनशैली और कामकाज के तरीके ऐसे ही रहे तो ये मामले और बढ़ेंगे।
कैंसर रोकथाम और अनुसंधान के लिए एनआईसीपीआर और एआईआईए में समझौता

कैंसर रोकथाम और अनुसंधान के लिए एनआईसीपीआर और एआईआईए में समझौता

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम और अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर) और आयुष मंत्रालय के स्वायत्त संस्थान अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के बीच एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
प्रचंड ने की मोदी से मुलाकात, दोनों पक्षों में हुए तीन अहम समझौते

प्रचंड ने की मोदी से मुलाकात, दोनों पक्षों में हुए तीन अहम समझौते

भारत यात्रा पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पड़ोसी देश के राजनीतिक परिवर्तन से गुजरने के बीच भारत ने वहां सभी वर्गों की आकांक्षाओं को समावेशित कर देश के संविधान के क्रियान्वयन की वकालत की और इस हिमालयी राष्ट्र में चीन द्वारा अपने पैर जमाने की कोशिशों के बीच उसे सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया।
आरएसएस के गौ सेवा प्रमुख बोले, गाय का गोबर खतम करता है मोबाइल रेडिशन

आरएसएस के गौ सेवा प्रमुख बोले, गाय का गोबर खतम करता है मोबाइल रेडिशन

आगरा और मथुरा के दौरे पर आए आरएसएस के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल का मानना है कि गाय के गोबर से मोबाइल का रेडिएशन रोका जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि मोबाइल पर गोबर लगा देने से उसके रेडिशन का प्रभाव नहीं पड़ता है।
तंजानिया को 9.2 करोड़ डाॅलर की ऋण सहायता के लिए भारत ने किया समझौता

तंजानिया को 9.2 करोड़ डाॅलर की ऋण सहायता के लिए भारत ने किया समझौता

संसाधन संपन्न तंजानिया के साथ संबंध बढ़ाने के क्रम में भारत ने आज उसकी विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे पूरा सहयोग देने की पेशकश की और पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिनमें एक जल संसाधन के क्षेत्र में 9.2 करोड़ डाॅलर की ऋण सहायता देने से संबंधित है।
कैंसर-डायबिटीज सहित 56 दवाएं होंगी सस्ती

कैंसर-डायबिटीज सहित 56 दवाएं होंगी सस्ती

कैंसर और डायबिटीज सहित 56 दवाईयों के मैक्सिमम रिटेल प्राइस को सरकार ने तय कर दिया है। इससे इन दवाईयों की कीमतों में 10 से 50 फीसदी तक की कमी होगी। नेशनल फर्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने इसकी घोषणा की है।
सीएसई का खुलासा : अब ब्रेड खाना खतरनाक, हो सकता है कैंसर

सीएसई का खुलासा : अब ब्रेड खाना खतरनाक, हो सकता है कैंसर

मैगी के बाद अब दूसरे लोकप्रिय खाद़य उत्‍पाद ब्रेड को खतरनाक बताया जा रहा है। खोजकर्ताओं के अनुसार इसको बनाने में इस्तेमाल किये जाने वाले कैमिकल की वजह से कैंसर की बीमारी हो सकती है। दिल्ली के सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट ने यह खुलासा किया है।
आधुनिक तकनीकों से उपचार ने मिर्गी से जुड़ी बाधाओं को तोड़ा

आधुनिक तकनीकों से उपचार ने मिर्गी से जुड़ी बाधाओं को तोड़ा

नई दवाइयों के विकास, मेडिकल आधुनिक तकनीकों के उपलब्धता और मिर्गी से जुडी स्थिति के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता रोगियों को सामान्य जिंदगी बिताने में काफी मदद कर रही है। मिर्गी दूसरा सबसे आम मस्तिष्क विकार है। भारत में प्रतिवर्ष 5 लाख नवजात शिशु मिर्गी की बीमारी के साथ जन्म ले रहे है। पिछले दशक में सिर की चोट लगने के कारण 20 फीसदी व्यस्कों में मिर्गी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। भारत में तकरीबन 95 फीसदी लोग मिर्गी का इलाज ही नहीं करवा पाते जबकि 60 प्रतिशत शहरी लोग दौरा पड़ने के बाद डाॅक्टर से परामर्श लेते है और इस मामले में ग्रामीण भारतीय का प्रतिशत सिर्फ 10 फीसदी है।
भारतीयों की विकसित तकनीक से कैंसर का प्रभावी इलाज संभव

भारतीयों की विकसित तकनीक से कैंसर का प्रभावी इलाज संभव

प्रतिष्ठित मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों के एक दल ने एक नैनो-तकनीक विकसित कर कैंसर के उपचार में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह नैनो-तकनीक उपचार के कुछ ही घंटे के भीतर कैंसर थैरेपी के प्रभाव का निरीक्षण कर सकती है।
कैंसर एवं पारंपरिक औषधि शोध के लिए भारत-अमेरिका ने मिलाए हाथ

कैंसर एवं पारंपरिक औषधि शोध के लिए भारत-अमेरिका ने मिलाए हाथ

पारंपरिक औषधि से संबंधित पहली भारतीय-अमेरिकी कार्यशाला आज नई दिल्ली में आरंभ हुई। यह कार्यशाला कल चार मार्च तक चलेगी। इस कार्यशाला का आयोजन पिछले वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई उस बातचीत के आधार पर की जा रहा है जिसमें दोनों नेताओं ने पारंपरिक औषधि के क्षेत्र में मिलकर काम करने की प्रतिबद्ता जताई थी।
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