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Search Result : "कृषि बिल"

तमाम संशोधनों के बाद 7.3 फीसदी तक पहुंची विकास दर

तमाम संशोधनों के बाद 7.3 फीसदी तक पहुंची विकास दर

वर्ष 2014-15 की आखिरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्‍पाद जीडीपी की विकास दर बढ़कर 7.5 फीसदी तक पहुंच गई है जबकि पूरे वित्‍त वर्ष के दौरान विकास दर 7.3 फीसदी रही है। जबकि इससे पहले साल संशोधित विकास दर 6.9 फीसदी रही थी।
कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्‍था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?
किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

चौ. टिकैत के आन्दोलन में न तो नेताओं की भरमार थी और न पदाधिकारियों की कतार। इस आन्दोलन में शामिल हर व्‍यक्ति सिर्फ किसान था। चौ. टिकैत जनता के बीच से आए थे और अाखिरी दम तक जनता के बीच रहे। यही सादगी और खरापन उनकी पहचान बन गया। उनकी मृत्यु के बाद किसान आन्दोलन में पैदा खालीपन की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।
विपक्ष के दबाव में सरकार, रियल एस्‍टेट बिल स्‍थगित

विपक्ष के दबाव में सरकार, रियल एस्‍टेट बिल स्‍थगित

राज्‍य सभा में विवादित रियल एस्‍टेट विधेयक स्‍थगित हो गया है जबकि विपक्ष के विरोध के चलते जीएसटी विधेयक की राह भी मुश्किल नजर आ रही है।
ऐसी नीतियों से कतई नहीं मिलेगा किसान को मुआवजा

ऐसी नीतियों से कतई नहीं मिलेगा किसान को मुआवजा

केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों की मदद के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। फसलों को हुए नुकसान के सर्वे की रस्म अदायगी भी जारी है। लेकिन मेहनत की कमाई लुटा चुके किसानों के हाथ से मुआवजा अभी दूर है। दरअसल, फसलों के बीमा और मुआवजे की प्रक्रिया में इतने झोल हैं कि किसान तक सिर्फ आश्‍वासन ही पहुंच पाते हैं।
कालाधन बिल पर अगले सप्ताह संसद में चर्चा: जेटली

कालाधन बिल पर अगले सप्ताह संसद में चर्चा: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कालाधन विधेयक पर संसद में अगले सप्ताह बहस कराएगी। इस विधेयक का उद्देश्य भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा कराए गए कालेधन और संपत्तियों की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटना है।
किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्‍ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

आम आदमी पार्टी की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले गजेंद्र सिंह की मौत पर पहली बार दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी है। एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्‍यू में केजरीवाल ने कहा, उस समय रैली जारी रखना मेरी गलती थी और मैं सबसे माफी मांगता हूं। इस मामले की पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और जो भी इसका दोषी हो, उसे चाहे फांसी पर लटका दो। लेकिन बहस इसी पर केंद्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्‍यों कर रहे हैं।