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Search Result : "कमल हसन"

साहिर-अमृता से एक मुलाकात

साहिर-अमृता से एक मुलाकात

प्रेम की गहराई में डूबे जोड़ो का नाम लीजिए और ऐसा हो नहीं सकता कि अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी का नाम न आए। सरहद पार से दोनों ने बखूबी अपने रिश्ते को निभाया और यह उनके प्यार की गरमाहट ही है जो सालों बाद वे दोनों याद किए जाते हैं
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

मिसरा बेशक यह साहिर लुधियानवी के गीत का है लेकिन अफसानानिगार सआदत हसन मंटो पर सटीक बैठता है। ताउम्र ढोंग, तमाशे और साहित्य की राजनीति से दूर रहने वाले मंटो ने कहा था- ‘ हर शहर में बदरौएं और मोरियां मौजूद हैं जो शहर की गंदगी को बाहर ले जाती हैं। हम अगर अपने मरमरी गुसलखानों की बात कर सकते हैं, अगर हम साबुन और लैवेंडर का जिक्रकर सकते हैं तो उन मोरियों और बदरौओं का जिक्र क्यों नहीं कर सकते जो हमारे बदन की मैल पीती हैं।‘ मंटो की 100वीं जन्मशताब्दी से लेकर आज तक उनके नाम पर उनके तथाकथित मुरीदों ने राजनीति, तमाशा और ढोंग ही किया है। मंटो के इन मुरीदों को वह सब चाहिए जो मंटो को नहीं चाहिए था। मंटो के माएने तो यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
आज रिलीज होगी उत्तम विलेन

आज रिलीज होगी उत्तम विलेन

अभिनेता कमल हासन के प्रशंसकों के लिए खुशी की बात है कि वित्तीय विवादों के सुलझने के बाद उनकी फिल्म उत्तम विलेन शनिवार को रिलीज होगी।
ईरान पर भारत को दिखलानी थी फुर्ती

ईरान पर भारत को दिखलानी थी फुर्ती

अमेरिका और उसके मित्र पश्चिमी देशों तथा ईरान के बीच परमाणु फ्रेमवर्क करार के रूप में संबंधों की बर्फ पिघलने का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले ज्यादा फुर्तीला कूटनीतिक फुटवर्क दिखाया है।
राज्यसभा में उठा गोडसे का मुद्दा

राज्यसभा में उठा गोडसे का मुद्दा

राज्यसभा में कांग्रेस ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने के प्रयासों पर चिंता जतायी। शून्यकाल में कांग्रेस के हुसैन दलवई ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया। लेकिन आज उन्हीं के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने का प्रयास हो रहा है। पिछले दिनों नाथूराम गोडसे को लेकर शौर्य दिवस मनाया गया।
खिल गया कमल पर मिशन अधूरा

खिल गया कमल पर मिशन अधूरा

जम्मू-कश्मीर और झारखंड की नई विधान सभाएं के साथ 2014 का चुनावी साल समाप्त हुआ। एक तरह से यह पूरा साल गहराते हिंदुत्व के एजेंडे के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का साल रहा।