करीब तीन महीने पहले जाटों के हिंसक आंदोलन में 30 लोगों की मौत के बाद रविवार को जाट नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच एक बार फिर से हरियाणा में अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिलहाल यह प्रदर्शन छोटी-छोटी बैठकों तक सीमित है।
अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी औपचारिक रूप से ट्रंप विरोधियों में शामिल हो गई हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद के भावी रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका आप्रवासियों को बाहर रखने के लिए दीवारें नहीं बनवाता है।
आईसीसी क्रिकेट समिति ने शुक्रवार को टेस्ट पिचों की गुणवत्ता विशेषकर घरेलू टीमों का अपने अनुकूल पिचें तैयार करने के चलन पर चिंता जतायी। आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, समिति ने टेस्ट क्रिकेट से संबंधित कई अन्य मसलों पर चर्चा की। उसका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट की मार्केटिंग के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत है।
अपने लंबे सिनेमाई करिअर में अमिताभ बच्चन के आलोचक भी रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह आलोचनाओं से कतराने की जगह उनका उपयोग अपने काम और निखारने में करते हैं।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के 8 जिलों में धारा 144 लगाई गई है। आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी।
अपनी सरकार के कामकाज की आलोचना करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी दो साल पुरानी सरकार ने 700 से ज्यादा योजनाएं शुरू की हैं और फिर भी अगर कुछ काम नहीं भी हो सके हैं तो भी मैं देश को गलत राह पर नहीं जाने दूंगा।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह कहकर तूफान पैदा कर दिया है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता आरएसएस से प्रशिक्षित हैं और वो खाली हाथ भी तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कंधा तोड़ सकते हैं। इसको लेकर सत्तारूढ़ दल, कांग्रेस और वाम दलों ने आलोचना की है।
ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा दे दिया है। नशीद को आतंकवाद से जुड़े विवादित आरोपों की सुनवाई के बाद 13 साल कैद की सजा मिली थी, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आलोचनाएं हुई थीं।
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के खिलाफ एक और धमाकेदार आरोप लगाते हुए भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अंतरराष्टीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है। स्वामी ने आरोप लगाया है कि राजन मानसिक तौर पर पूरी तरह भारतीय नहीं है और उन्होंने जानबूझकर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त किया है।