दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की ऐतिहासिक जीत के गहरे मायने हैं, जिनकी गूंज राष्ट्रीय राजनीति में दूर और देर तक सुनाई देगी। नई सरकार के सामने चुनौतियां और अपेक्षाएं भी जबर्दस्त हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का तात्कालिक असर तो यही होगा कि मोदी और अमित शाह की लगातार जीत से पस्त पड़े गैर कांग्रेसी विपक्ष में जान पड़ सकती है। यह इसी वर्ष बिहार में होने वाले चुनावों में नजर आ सकता है।
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार के लोग अपने कथित सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दुहाई देते नहीं थकते। लेकिन पहले 2014 में लोकसभा और इस बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव अभियानों के दौरान भगोड़ा कहकर आम आदमी पार्टी की बैंड बजाते वक्त भारतीय सांस्कृतिक स्मृति में गुंजित एक अहम प्रतीक का महत्व समझने में चूक गए। यह प्रतीक ‘रणछोड़’ है।