दिल्ली को दमघोंटू प्रदूषण से बचाने के लिए सम, विषम नंबर के आधार पर एक दिन छोड़कर गाड़ियां चलाने की योजना को भारत के चीफ जस्टिस से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है।
सांसद असदउद्दीन औवेसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर मैदान में कमर कसे हुए है। हालांकि बीते एक वर्ष से इनके कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन अब ये अपनी मांगों को लेकर ये आंदोलनरत हो गए हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को दादरी पहुंचकर अखलाक के परिजनों से मिले और संवेदना प्रकट की। शनिवार की सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दादरी गए लेकिन उन्हें गांव वालों के विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं राहुल गांधी के पहुंचने के समय कोई ज्यादा विरोध नहीं हुआ।
बिहार विधानसभा की तारीखों का ऐलान होते ही बिहार की सियासत में सरगर्मी बढ़ने लगी है। हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआइएम भी इस चुनाव से बिहार में कदम रखने को बेकरार है। पार्टी अध्यक्ष ने कहा है कि उनकी पार्टी बिहार के केवल सीमांचल क्षेत्र में ही उम्मीदवार खड़ा करेगी।
आने वाले महीनों में उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनावों से ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) प्रदेश की राजनीति में दस्तक दे रही है। हालांकि तैयारियां तो पहले से जारी थी लेकिन पंचायत चुनावों के जरिये उत्तर प्रदेश में पार्टी पहली दफा मैदान में उतर रही है। तैयारियों की इसी कड़ी में आज पार्टी का फैजाबाद में बड़ा आयोजन है।
बिहार का कोशी क्षेत्र लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए के लिए बुरा सपना साबित हुआ था। यहां पर एनडीए को एक भी सीट जीतने में कामयाबी नहीं मिली थी। कभी कांग्रेस का गढ़ रहा यह क्षेत्र कालांतर में पहले लालू प्रसाद और फिर जद-यू-भाजपा का दुर्ग बना मगर लोकसभा चुनाव में यहां मिली हार ने भाजपा को इस क्षेत्र में नई रणनीति बनाने के लिए मजबूर कर दिया।
लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
मुंबई के 1993 के बम धमाकों के आरोपी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी पर यूं तो पिछले कई दिनों से राजनीति जमकर हो रही है मगर गुरुवार को उसे फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद तो जैसे नेताओं में बयानबाजी की होड़ ही लग गई।